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यूलिप पर सेवा कर के बारे में स्पष्टीकरण की मांग

Last Updated- December 05, 2022 | 4:30 PM IST

जीवन बीमा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां वित्त मंत्रालय से यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) पर लगाए जाने वाले सेवा कर के बारे में मंत्रालय से स्पष्टीकरण चाहती हैं।


वर्ष 2008-09 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने घोषणा की कि फंड मैनेजमेंट सेवाएं, जिनमें यूलिप भी शामिल हैं, को  सेवा कर के दायरे में शामिल किया जाएगा।


यही नहीं, सेवा कर के बारे में जो वित्तीय बिल बनाया गया है, उसमें केवल फंड मैनेजमेंट शुल्क की ही बात नहीं की गई है, बल्कि उसमें प्रीमियम आवंटन शुल्क, पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन और कुछ अन्य शुल्कों को भी शामिल किया गया है।


लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल (जीवन बीमा की स्व-नियामक संस्था) ने सेवा कर के बारे में स्पष्टीकरण के लिए मंत्रालय को पत्र लिखा है। साथ ही उन्होंने इस मामले में इरडा से भी सहयोग करने की अपील की है।


जीवन बीमा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि म्युचुअल फंडों में निवेश करने और उससे पैसे बाहर निकलने पर सेवा कर में छूट मिलती है।


इसी तरह प्रीमियर आवंटन शुल्क पर भी सेवा कर से छूट मिलनी चाहिए।


बीमा कंपनी से संबद्ध एक सीईओ के मुताबिक, मंत्रालय की ओर से पेश किया गया वित्तीय बिल गलत उदाहरण पेश कर रहा है। इसमें कहा गया है कि प्रीमियम निवेश और परिपक्वता शुल्क के साथ निवेश की गई राशि के आधार पर सेवा कर वसूला जाएगा।


उन्होंने बताया कि सतत खुली म्युचुअल फंड योजनाओं पर शुरू में ही 6 फीसदी का प्रबंधन शुल्क लिया जाता है, हालांकि सेवा कर नहीं लगता है।


म्युचुअल फंड पर केवल मैनेजमेंट शुल्क पर ही सेवा कर का प्रावधान है, जबकि निवेश और मैच्यूरिटी पर सेवा कर नहीं लगता है, तो फिर यूलिप के प्रीमियम आवंटन को सेवा कर के दायरे में क्यों लाया जा रहा है?


यूलिप के लिए फंड प्रबंधन शुल्क (एफएमसी) बीमाकर्ता और चयनित फंड (डेट फंड, इक्विटी फंड, बैलेंस फंड) पर निर्भर करता है।


सामान्यत: यूलिप पर एफएमसी 0.8 फीसदी से 2 फीसदी तक वसूला जाता है।


अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि यूलिप के तहत परिसंपत्ति प्रबंधन सेवा प्रदाता को सेवा कर के दायरे में लाया जाए।


बॉक्स


यूलिप पर लगने वाले प्रस्तावित सेवा कर
फाइनैंस बिल में प्रस्ताव


यूलिप पॉलिसी के लिए देय कुल प्रीमियम : 100 रुपये
रिस्क प्रीमियम : 10 रुपये
वास्तविक निवेश राशि : 85 रुपये


सेवा प्रदान करने के एवज में वसूल की जाने वाली राशि : 5 रुपया (100-(10+85))


ऐसे में सेवा कर 5 रुपये और 85 रुपये से प्राप्त एफएमसी पर वसूला जाएगा।
————


बीमाकर्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि
यूलिप पॉलिसी के लिए देय प्रीमियम : 100 रुपये


रिस्क प्रीमियम : 10 रुपये
वास्तविक निवेश : 85 रुपये


सेवा प्रदान करने के एवज में वसूल की जाने वाली राशि : 85 रुपये से प्राप्त आय पर एफएमसी (0.8 फीसदी से 2 फीसदी के बीच)।

First Published - March 10, 2008 | 10:10 PM IST

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