जब अपनी विदेश यात्रा केसिलसिले में रीति पंधारी पांडे एयरपोर्ट के लिए रवाना हुईं, तो एयरपोर्ट पहुंचने के साथ ही उनका उत्साह ठंडा पड ग़या।
रीति ने महसूस किया कि इंग्लैंड जाने के लिए आवश्यक पौंड खरीदने पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले रीति ने एचडीएफसी बैंक से विदेशी मुद्रा कीखरीदारी केबारे में पूछा था। बैंक ने उनको एक पाउंड की कीमत 88 रुपये बतायी।
हालांकि यात्रा करने की हड़बरी और समय केअभाव के कारण मजबूरन उन्हें एक ट्रैवल एजेंट से पाउंड खरीदने के बारे में बात की तो उनको एक पांउड की कीमत 93.50 रुपये बताए गए।
यह दर न सिर्फ सामान्य दर से 5.50 रुपये से ज्यादा थी बल्कि उनको परिचालन के कमीशन के रूप में एक फीसदी ज्यादा रकम भी देनी पड़ रहा था।
पंधारी पांडे ने पाया कि उन्हें पाउंड खरीदने के चक्कर में 3,000 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े जबकि इतनी राशि में 34 पाउंड और खरीदे जा सकते थे। पंधारी पांडे के साथ जो घटना हुई, वह असामान्य बात नहीं है।
पंधारी पांडे की तरह ही कई और लोग हैं जिन्हें ऐसा लगा कि वो अपने साथ पर्याप्त मात्रा में डॉलर या पौंड नहीं लाएं हैं। अंतिम समय में खरीदारी करना उन्हें काफी महंगा पडा है।
इस बारे में नोमेड्स के निदेशक साई जायसवाल का कहना है कि अधिकांश लोग जब विदेश की यात्रा पर निकलते हैं तो उनके एजेंडे में विदेशी मुद्रा की खरीदारी सबसे बाद में होती।
ये विभिन्न दरों पर मिल रहे विदेशी मुद्राओं का अंतर पता नहीं करते हैं और परिणामस्वरूप इन्हें ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ती है।
दिलचस्प बात यह भी है कि परिचालन की दर विमान के उडान भरने के समय और प्रत्येक विमानों के अनुमानित कारोबार पर भी निर्भर करता है। विदेश यात्रा पर जाने के लिए मुद्राओं केपरिचालन का सबसे सही विकल्प बैंक है क्योंकि बैंक परिचालन पर बहुत कम शुल्क लेते हैं।
उदाहरण के लिए एचडीएफसी बैंक एक डॉलर के बदले 50.19 रुपये लेता है जबकि आईसीआईसीआई बैंक एक डॉलर के बदले 50.90 रुपये लेता है। ट्रैवल कंपनियां दूसरी ओर ज्यादा रकम ऐंठती हैं। वित्तीय योजनाकारों के मुताबिक बैंकों से विदेशी मुद्राएं खरीदना बेहतर माना जाता है।