भारतीय बैंकों को लगातार नई खोज करनी होगी और अपनी कार्यक्षमता को बेहतर करना होगा ताकि वे कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले कारोबारी माहौल में व्यक्तिगत सेवाएं दे सकें। ये बातें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कही। सीतारमण मुंबई में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के स्थापना दिवस की प्लेटिनम जयंती समारोह के शुभारंभ पर बोल रही थीं।
उन्होंने कहा, “तकनीकी रूप से जागरूक ग्राहकों की बढ़ती संख्या के साथ, नवीन, व्यक्तिगत और तुरंत उपलब्ध बैंकिंग अनुभवों की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, सख्त नियामक अनुपालन और नए बैंकों व गैर-बैंक संस्थाओं के प्रवेश ने पुराने खिलाड़ियों के सामने चुनौतियां और अवसर दोनों पेश किए हैं।”
वित्त मंत्री ने वर्चुअल तरीके से देश भर में 17 शाखाओं, 501 महिला ग्राहक सेवा केंद्रों का उद्घाटन किया, जो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के साथ मेल खाता था, और देश के सबसे बड़े ऋणदाता के 17 कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहलों को भी शुरू किया।
उन्होंने कहा, “जब हम इस प्लेटिनम जुबली का जश्न मना रहे हैं, तो हमें भविष्य की ओर भी देखना चाहिए। दुनिया तेजी से बदल रही है और बैंकिंग क्षेत्र को लगातार नवाचार करने और नेतृत्व करने की जरूरत है।” वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेवा देने वालों की संख्या बढ़ रही है। भारत की अनुकूल जनसांख्यिकी और बढ़ती आकांक्षाओं के कारण ग्राहक आधार भी विस्तार कर रहा है।
SBI लगातार बदलते बैंकिंग परिदृश्य के अनुसार विकसित हो रहा है। हालिया व्यवधानों और नियामकीय सख्ती के बावजूद, बैंक ने अपनी बाजार में अग्रणी स्थिति बनाए रखी है और निम्न से मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था में लाखों ग्राहकों का विश्वास जीता है।
सीतारमण ने आगे कहा, “देश का सबसे बड़ा ऋणदाता अपने व्यक्तिगत वितरण चैनलों को ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं के अनुसार बदलाव कर रहा है। दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश में सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक के रूप में, SBI वैश्विक जनसंख्या के लगभग 5.6 प्रतिशत लोगों को सेवा प्रदान कर रहा है।”
वित्त मंत्री ने कहा, “अन्य कई संगठनों के विपरीत SBI ने बदलाव को अपनाया है। इसने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है और एक ठोस निगरानी और नियंत्रण ढांचा स्थापित किया है। साथ ही बैंक ने पेशेवरों की एक प्रतिभाशाली टीम तैयार की है। इसके अलावा, बैंक ने अपने आंतरिक प्रक्रियाओं का पुनर्गठन किया है ताकि जोखिम प्रबंधन में सुधार हो और विकास की गति तेज हो।”