विश्लेषकों का मानना है कि सिटीबैंक इंडिया के उपभोक्ता व्यवसाय का ऐक्सिस बैंक द्वारा किया गया अधिग्रहण बैंक के लिए वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही या वित्त वर्ष 2026 में ही लाभकारी बन सकेगा और ऋणदाता को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में नुकसान हो सकता है।
बैंक ने बुधवार को घोषणा की कि उसने सिटीबैंक इंडिया के ऋण, क्रेडिट कार्ड, संपत्ति प्रबंधन, और रिटेल बैंकिंग परिचालन का 11,603 करोड़ रुपये में अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
मैक्वेरी रिसर्च के सुरेश गणपति और परम सुब्रमण्यन ने कहा, ‘अधिग्रहण के तहत, ऐक्सिस को अगले 18 महीनों में समेकन खर्च (कर-पश्चात 1,500 करोड़ रुपये) समेत 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसकी वजह से अधिग्रहण से पूरा लाभ और पूंजी पर प्रतिफल (आरओई) हमारी नजर में वित्त वर्ष 2026 से ही मिल पाएगा।’
एमके रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि रिटेल आधारित मुख्य लाभ में सुधार, उचित मूल्यांकन को देखते हुए वे इस शेयर पर सकारात्मक बने हुए हैं।
मोतीलाल ओसवाल के नितिन अग्रवाल और यश अग्रवाल का कहना है, ‘दीर्घावधि में, इस सौदे की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि ऐक्सिस बैंक अपने सभी बैंकिंग उत्पाद सिटी ग्राहकों को किस तरह से बेचने में सफल रहता है और सिटी की प्रख्यात डिजिटल एवं परिचालन प्रक्रियाओं का लाभ उठाने में कामयाब रहता है।’
जिस दिन (सोमवार) अधिग्रहण सौदा हुआ, उस दिन ऋणदाता का शेयर 2.5 प्रतिशत तक चढ़ गया था, लेकिन उसके बाद गुरुवार को इसमें करीब 2.30 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।