वित्त अधिनियम, 2021 ने आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 194पी शामिल कर दी है, जिसके मुताबिक 75 साल या अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट मिल गई है। मगर इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसी महीने आयकर नियम 26डी जारी किया। इसमें वे तरीके बताए गए थे, जिनका इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों और बैंकों को तब करना है, जब वरिष्ठ नागरिक कर रिटर्न दाखिल करने से छूट चाहते हैं।
शर्तों पर डालें नजर
यह फायदा उठाने के लिए वरिष्ठ नागरिक की उम्र 75 साल या इससे ज्यादा होनी चाहिए। पिछले साल कर के मकसद से उसे भारत का नागरिक भी होना चाहिए। यह भी ध्यान रखना होगा कि वरिष्ठ नागरिकों के पास केवल पेंशन और ब्याज की आय आती हो।
एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर गोपाल बोहरा कहते हैं, ‘जो वरिष्ठ नागरिक कर रिटर्न के दाखिले से मुक्ति चाहते हैं, उनका किसी एक बैंक में केवल एक खाता होना चाहिए, जिसमें उनकी पेंशन आती हो।’ वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय उसी शाखा से आनी चाहिए, जिस शाख में उसकी पेंशन आय आती हो।
यह लाभ हासिल करने के इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों का खाता केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित विशेष बैंक में भी होना चाहिए।
इस मामले में वरिष्ठ नागरिकों को नए फॉर्म 12बीबीए में हलफनामा भी देना होगा। मिगलानी वर्मा ऐंड कंपनी (एडवोकेट्स, सॉलिसिटर्स ऐंड कंसल्टेंट्स) में मैनेजिंग पार्टनर प्रत्यूष मिगलानी कहते हैं, ‘वरिष्ठ नागरिक जब हलफनामा दाखिल कर देंगे तो बैंक पूरी आय की गणना करेगा। वह आयकर अधिनियम की धारा 80सी से 80यू तक विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली छूट देखेगा और धारा 87ए के तहत मिलने वाली रिबेट की गणना भी करेगा। उसके बाद उपयुक्त दर के हिसाब से पूरी आय पर आयकर काट लिया जाएगा।’
वरिष्ठ नागरिक के बैंक को भी उसकी ओर से हलफनामा तथा संबंधित प्रमाण अपने पास रखने होंगे तथा जरूरत पडऩे पर प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त अथवा मुख्य आयकर आयुक्त के सामने पेश करने होंगे। मिगलानी समझाते हैं, ‘स्रोत पर कर कटौती के बाद बैंक वरिष्ठ नागरिक को फॉर्म 16 जारी करेगा, जिसमें काटे गए कर का ब्योरा होगा।’
अगले साल से लाभ
वरिष्ठ नागरिकों को सभी शर्तें पूरी करनी चाहिए ताकि कर चुकाने का जिम्मा उनके नहीं उनके बैंक का हो जाए। लेकिन यह भी ध्यान रहे कि आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने का फायदा अगले साल से ही मिलेगा।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, ‘धारा 194पी के तहत रियायत 2021-22 के लिए रिटर्न दाखिल करते समय नहीं मिलेगी। वरिष्ठ नागरिकों को इस साल तो अपने कर रिटर्न खुद ही भरने होंगे। यह फायदा उन्हें अगले साल से ही मिलेगा यानी 2021-22 के लिए रिटर्न दाखिल करते समय वे इस रियायत का लाभ उठा सकते हैं।’
वरिष्ठ नागरिकों को अपने कर रिटर्न दाखिल नहीं करने होंगे मगर उन्हें फॉर्म 12बीबीए तो भरने ही होंगे। मिगलानी समझाते हैं, ‘कुछ लोग कह सकते हैं कि फॉर्म 12बीबीए भी आईटीआर फॉर्म की ही तरह थकाऊ है मगर रिटर्न से छूट भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए काफी बड़ी राहत है और उन्हें इसका पूरा इस्तेमाल करना चाहिए।’
अंत में आयकर विभाग वरिष्ठ नागरिकों को और भी कई तरह की छूट प्रदान करता है। उदाहरण के लिए कानूनी तौर पर कर छूट की सीमा उनके लिए ज्यादा है। पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स के मैनेजिंग पार्टनर समीर जैन कहते हैं, ‘वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 साल के बीच उम्र वाले) के लिए 3 लाख रुपये तक की छूट है और बहुत बुजुर्ग (80 साल से अधिक उम्र) करदाताओं के लिए सीमा 5 लाख रुपये है।’ जो भी कर छूट मिलती हैं, उन सभी का फायदा उठाने से कर का बोझ कम से कम हो जाएगा।
बुजुर्गों के लिए प्रमुख कर छूट
जिन वरिष्ठ नागरिकों की कारोबार या व्यवसाय से आय नहीं है, उन्हें अग्रिम कर जमा नहीं करना पड़ता
बैंकों, सहकारी बैंकों और डाकघर में जमा (एफडी एवं बचत खाता) राशि पर कमाए गए ब्याज पर वे धारा 80टीटीबी के तहत 50,000 रुपये तक की कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं
वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये तक की कटौती का फायदा ले सकते हैं
अगर उन्होंने किसी विशेष उल्लिखित बीमारी अथवा गंभीर बीमारी का इलाज कराया हो तो किसी भी वित्त वर्ष में धारा 80डीडीबी के तहत उन्हें 1 लाख रुपये तक की कटौती का फायदा मिल सकता है
रिवर्स मॉर्गेज योजना से मिली आय पर कर नहीं वसूला जाता
वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन से होने वाली आय पर 50,000 रुपये की मानक कटौती भी मिलती है