शुक्रवार को विधान सभा उपचुनाव वाली 48 सीटों में से 47 सीटों पर नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। इस उप चुनाव की सबसे बड़ी बात है कि विधायकों के सांसद बन जाने के बाद पार्टियों ने उनके ही बेटे, पत्नी और बहुओं को चुनावी मैदान में उतारा है।
आगामी 13 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होना है और उत्तराखंड की केदारनाथ विधान सभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव का मतदान होगा। इन 48 में से 44 सीटों पर मतदान इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां के विधायक लोक सभा सांसद बन गए हैं और राजस्थान के रामगढ़ और सलूंबर तथा उत्तराखंड की केदारनाथ सीट से विधायकों की मौत के बाद यहां दोबारा चुनाव हो रहा है। वहीं, शीशमऊ सीट से विधायक के अयोग्य घोषित हो जाने के बाद निर्वाचन आयोग यहां दोबारा चुनाव करा रहा है।
इन 48 सीटों में से राजग के घटक दलों के पास 20 सीटें थीं, जिनमें भाजपा के पास 12 और एसकेएमके पास दो सीटें थीं। इनमें से कई सीटों पर खासकर केरल और पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।