शेयर बाजार में स्मॉल कैप और मिड-कैप कंपनियों में आई तेजी ने देश के शीर्ष राजनेताओं का ध्यान भी आकर्षित किया है। देश के कम से कम दो बड़े नेताओं के पोर्टफोलियों में कई ब्लू चिप कंपनियों के शेयर के साथ-साथ उनका निवेश स्मॉल और मिड कैप फंड में भी है।
राहुल गांधी ने म्युचुअल फंडों के अलावा कई छोटी कंपनियों में भी निवेश किया है। राजीव चंद्रशेखर ने भी इसी तरह के निवेश किए हैं और उन्होंने एक ऐसी योजना में निवेश किया है जो मिडकैप क्षेत्र में निवेश करती है। वहीं नितिन गडकरी के चुनावी हलफनामे से अंदाजा मिलता है कि उनका शेयरों में निवेश न्यूनतम है।
इस साल के आम चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है और सभी उम्मीदवारों ने अभी अपना हलफनामा दाखिल नहीं किया है जिनमें आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार, जारी/लंबित आपराधिक मामले, उम्मीदवारों की कुल संपत्ति, जीवनसाथी और उन पर निर्भर लोग, कुल निवेश, सरकार पर बकाया और बाकी ब्योरे शामिल हैं।
राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा निवेश पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनैंस, नेस्ले इंडिया और एशियन पेंट्स में किया है। उन्होंने 30-45 लाख रुपये के दायरे में निवेश किया है और उनका निवेश कुल 24 कंपनियों में है। उनके शेयर पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू करीब 4.3 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उन्होंने कई म्युचुअल फंडों में भी निवेश किया है।
उनके म्युचुअल फंडों की कुल वैल्यू 3.8 करोड़ रुपये है। उन्होंने सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड के जरिये सोने में निवेश किया है और यह निवेश 15 लाख रुपये से अधिक है। उनके पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू 8.3 करोड़ रुपये से अधिक है।
वहीं राजीव चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने टिस्को में निवेश किया है जो मल्टीबैगर शेयर था (यानी जिसका बाजार पूंजीकरण कम हो लेकिन जिसमें वृद्धि की पूरी संभावना हो)। उन्होंने कंपनी में 18,322 रुपये का निवेश किया था। उनके निवेश की रकम अब 2 लाख रुपये से अधिक हो चुकी है। इसे बाजार की भाषा में टेन-बैगर कहा जाता है जिसका अर्थ यह है कि कोई शेयर खरीदे जाने के बाद से 10 गुना तक बढ़ चुका है।
उन्होंने अपने ज्यादातर निवेश म्युचुअल फंड में या डेट सिक्योरिटीज में किए हैं। उन्होंने मिडकैप फंड में भी निवेश किया है जिसमें उनके निवेश की वैल्यू करीब 5 करोड़ रुपये है। उन्होंने आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) सहित कर मुक्त बॉन्ड में भी करोड़ों रुपये निवेश किए हैं। इस तरह के समान निवेश की कुल वैल्यू 45 करोड़ रुपये से अधिक है।
नितिन गडकरी ने भी अपना चुनावी हलफनामा दाखिल किया है जिससे अंदाजा मिलता है कि उनका शेयर बाजार में निवेश सीमित है। उन्होंने पूर्ति पावर ऐंड शुगर में 310 रुपये का निवेश किया है। कोऑपरेटिव सोसायटीज के शेयरों में उनका निवेश 2 लाख रुपये है और छिटपुट निवेश के तहत भी उन्होंने इतनी ही राशि का जिक्र किया है। उन्होंने किसी म्युचुअल फंड में निवेश का जिक्र नहीं किया है।
पहले भी लोक सभा चुनाव लड़ चुके कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख सांसदों में से करीब 8 ने शून्य निवेश की घोषणा की है। इनमें विपक्ष के प्रमुख नेता अधीर रंजन चौधरी और पृथ्वी विज्ञान एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री किरण रिजिजू शामिल हैं।
अन्य प्रमुख नेताओं में तेजस्वी सूर्या का नाम भी शामिल है जो बेंगलूरु साउथ से भाजपा के पहली बार सांसद हैं। इसके अलावा इसमें ओडिशा के पुरी से भाजपा सांसद संबित पात्रा, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी, बिहार के बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह और पश्चिम बंगाल के कृप्णानगर से तृणमूल की सांसद महुआ मोइत्रा का भी नाम शामिल है।