प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर ‘घृणा और विभाजनकारी राजनीति’ में लिप्त होने, भ्रष्टाचार का पर्याय होने और राज्य के विकास की कोई चिंता नहीं करने का आरोप लगाया। लोकसभा चुनाव के तहत 19 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले राज्य के वेलूर और मेट्टुपलयम में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस की भी कड़ी आलोचना की तथा उसे और द्रमुक को पारिवारवादी दल बताया।
उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर द्रमुक को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस मुद्दे पर ‘पहला कॉपीराइट’ सत्तारूढ़ पार्टी के पास है तथा मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के ‘परिवार’ का इरादा राज्य को ‘लूटने’ का है। उन्होंने द्रमुक पर ‘एक पारिवारिक कंपनी’ होने का आरोप लगाया, जो ‘पुरानी सोच’ के कारण राज्य के युवाओं की प्रगति में बाधा बन रही है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करते हुए उन्होंने वेल्लोर की रैली में कहा, ‘भ्रष्टाचार पर द्रमुक का पहला कॉपीराइट है, पूरा परिवार तमिलनाडु को लूट रहा है।’ द्रमुक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसके तीन मानदंड हैं- पारिवारिक राजनीति, भ्रष्टाचार और तमिल संस्कृति का विरोध।
उन्होंने कहा, ‘द्रमुक लोगों को भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के आधार पर बांटती है। वह जानती है कि जिस दिन लोग इसे पहचान जाएंगे, उसे एक भी वोट नहीं मिलेगा। मैंने द्रमुक की दशकों पुरानी खतरनाक राजनीति का पर्दाफाश करने का फैसला किया है।’
मोदी ने आरोप लगाया कि एक तरफ देश ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ प्रगति कर रहा है लेकिन द्रमुक उन लोगों के साथ खड़ी है जो देश में निवेश को खत्म करना चाहते हैं।
मोदी ने कांग्रेस पर ‘भेदभाव और बंटवारे का खतरनाक खेल खेलने’ का आरोप लगाया और कहा कि यही काम तमिलनाडु में द्रमुक करती है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में करोड़ों घरों में पाइप से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की है लेकिन सत्तारूढ़ द्रमुक ने इसे पार्टी के कार्यकर्ताओं या मतदाताओं के लिए प्राथमिकता दी।