जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, गर्मी तेज होती जा रही है। चुनाव आयोग ने मतदान के प्रत्येक चरण पर गर्मी और लू के प्रभाव का आकलन करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है, ताकि इससे निपटने के इंतजाम किए जा सकें। आयोग ने यह कदम देश के विभिन्न भागों, विशेषकर पूर्वी क्षेत्र में भीषण लू की स्थिति बनने को देखते हुए उठाया है।
आम चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हो गया। इसमें पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान में कमी देखी गई है। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव के प्रथम चरण में 69.9 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह 65.5 फीसदी रह गया।
मतदाताओं के इस गिरते रुझान को देखते हुए निर्वाचन आयोग सतर्क हो गया है। गर्मी से निपटने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स में आयोग के अलावा मौसम विभाग, एनडीएमए और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
आयोग ने कहा, ‘अधिकारी मतदान से पांच दिन पहले संबंधित क्षेत्र में लू और उमस की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों की समीक्षा करेंगे।’ टास्क फोर्स गठित करने का फैसला मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की बैठक में लिया गया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, एनडीएमए के एचओडी और मौसम विभाग के महानिदेशक भी मौजूद थे।