Lok Sabha Elections 2024: रविवार को वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जमघट लगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक काशी में थे। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ प्रदेश के एक और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी रहेंगे।
वाराणसी में अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने एक स्थानीय स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। साथ ही स्थानीय तमिल समुदाय के लोगों से मुलाकात कर उन्हें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने का आग्रह किया।
यादव और पाठक ने भी सार्वजनिक सभाएं कर अपने संबंधित स्थानीय प्रभावशाली लोगों से मुलाकात कर आखिरी चरण में यानी 1 जून को वाराणसी में होने वाले मतदान के लिए प्रधानमंत्री के पक्ष में वोट करने की अपील की। सोमवार को गोयल कपड़ा कारोबार से जुड़े खासकर साड़ी से जुड़े कारीगरों और कारोबारियों से मिलेंगे।
30 मई को चुनाव प्रचार अभियान समाप्त होने तक भारतीय जनता पार्टी वाराणसी में कई कार्यक्रम करेगी। उदाहरण के लिए, भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख विजय चौथवाले 28 और 29 मई को वाराणसी में विश्व के दर्जनों राजनयिकों की मेजबानी करेंगे। वे प्रधानमंत्री की सार्वजनिक सभाओं में हिस्सा लेने के साथ-साथ भाजपा की चुनाव की तैयारियों को भी देखेंगे और फिर बीते एक दशक में शहर में आए बदलाव का गवाह बनने के लिए वे सभी काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर जाएंगे।
बीते सप्ताह शहर के गुजरातियों ने प्रधानमंत्री की बड़े अंतर से जीत की प्रार्थना के लिए कई दिनों तक पूजा-पाठ किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शनिवार को एक रैली के जरिये आम लोगों को संबोधित किया। भाजपा प्रवक्ता केके शर्मा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीते दस वर्षों के वाराणसी में आए बदलावों के बारे में कहा, ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम काफी जीवंत रहा है। बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ है। पर्यटकों की संख्या कई गुना तक बढ़ गई है। कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हुई है।’
मगर न तो भाजपा के शर्मा और विपक्षी दलों का कोई भी नेता इसे स्पष्ट तौर पर कहेगा। लेकिन, वाराणसी में हो रही चुनावी लड़ाई में यह तो हर कोई यह समझ रहा है कि प्रधानमंत्री तीसरी बार जीतेंगे मगर असल बात है कि अगर वह जीतते हैं तो क्या वह इस बार जीत का अंतर बढ़ा पाएंगे। वाराणसी के छावनी क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने वाले सुजीत कुमार ने कहा, ‘कांग्रेस के अजय राय जिन्हें साइकल (समाजवादी पार्टी) भी समर्थन दे रही है अथवा हाथी (बहुजन समाज पार्टी) के अतहर जमाल लारी प्रधानमंत्री से मुकाबला ही नहीं कर सकते हैं।’
हालांकि, कुमार ‘बहनजी’ के समर्थक हैं और सिर पर छत के लिए मायावती को और राशन के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि पिछले 10 वर्षों में मेरे जीवन में कोई खास बदलाव नहीं आया है मगर शहर साफ-सुथरा हो गया है और सड़कें चौड़ी हो गई हैं। कुमार ने कहा, ‘सवाल ये है कि क्या मोदी इस बार जीत का मार्जिन बढ़ाएंगे।’
वाराणसी में राय और लारी का प्रचार अभियान कमजोर दिख रहा है। उनके समर्थकों का दावा कि है समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस बहुल मोहल्लों में और आसपास के गांवों में वे काफी सक्रिय हैं। विपक्षी दलों का गंठबंधन इंडिया एक ऐसी सीट पर अपना पूरा जोर लगा रहा है जिसका परिणाम करीब-करीब पहले से ही तय है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने भी शनिवार को यहां एक रोड शो किया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस सप्ताह के अंत तक यहां एक रैली करने वाले हैं, जिसमें उम्मीद है कि गठबंधन के अन्य प्रमुख नेता भी शिरकत कर सकते हैं।
कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘वाराणसी में इन सार्वजनिक सभाओं और रैलियों का प्रभाव भाजपा के पक्ष में रहे या फिर इंडिया गठबंधन के पक्ष में रहे ये पूरे पूर्वांचल में व्यापक असर डालते हैं।’