इस साल देश में अप्रैल के अंत से प्रतिकूल मौसम परिस्थितियां उत्पन्न होने का पूर्वानुमान है। संयोग से इसी दौरान लोक सभा चुनाव भी होने हैं। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि ऐसे में सभी हितधारकों के लिए पहले से तैयारी करना महत्त्वपूर्ण है। भीषण गर्मी को देखते हुए चुनाव आयोग ने अपने 16 मार्च के दिशानिर्देशों को दोहराते हुए राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्तों से गर्मी में मतदाताओं के लिए हर जरूरी इंतजाम करने को कहा है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इससे पहले गर्मी के मद्देनजर देशभर में लगभग दस लाख मतदान केंद्रों पर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए थे, ताकि मतदाताओं को वोट डालने के दौरान कोई दिक्कत पेश न आए।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें आने वाले ढाई महीने प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ेगा। संयोग से इसी दौरान आम चुनाव भी हैं, जिसमें लगभग एक अरब लोगों के मतदान करने की उम्मीद है।’
रिजिजू ने कहा कि उन्होंने भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के बीच चुनावों के मद्देनजर हितधारकों के साथ एक उपयोगी बैठक की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों ने व्यापक तैयारी की है। यह चुनाव हम सभी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है। चूंकि हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं और प्रतिकूल मौसम झेलना पड़ता है, इसलिए पहले से तैयारी करना बेहद जरूरी हो जाता है।
मालूम हो कि 2004 के बाद से लोक सभा चुनाव गर्मी के मौसम में हो रहे हैं। वर्ष 2004 में आखिरी चरण का चुनाव भीषण गर्मी के बीच 10 मई को संपन्न हुआ था। वर्ष 2009 के लोक सभा चुनाव का अंतिम चरण का मतदान 13 मई और 2014 में 12 मई तथा 2019 के चुनाव में 19 मई को अंतिम चरण का मतदान हुआ था। उस दौरान देश में तेज गर्मी पड़ रही थी।
हालांकि 2024 के चुनाव में अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा। इस साल होने वाले चुनाव के अंतिम तीन चरणों में हरियाणा, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, झारखंड, ओडिशा और पंजाब में वोट डाले जाएंगे। पांचवें चरण में 20 मई को 49 सीट पर, छठे चरण में 25 मई को 57 सीट पर और 7वें चरण में 1 जून को 57 सीट पर मतदान होगा। मई और जून में देश में जबरदस्त लू चलती हैं। निर्वाचन आयोग ने लगभग 10 लाख पोलिंग बूथों पर आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश राज्यों के मुख्य चुनाव आयुक्तों को दिए हैं।