मतदान के लिए सप्ताह के मध्य का दिन बुधवार निर्धारित करने जैसे तमाम उपाय किए जाने के बावजूद महाराष्ट्र के मुंबई, इसके उपनगरीय इलाकों और पुणे जैसे शहरी इलाकों में मतदाताओं में खास उत्साह देखने को नहीं मिला। पूरे राज्य में शाम 5 बजे तक 58.25 प्रतिशत दर्ज किया गया। हालांकि इसमें अभी संशोधन की संभावना है। वर्ष 2019 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में 61.1 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
हालांकि मुंबई और इसके उपनगरीय इलाकों में लोकतंत्र के इस उत्सव में लोगों की भागीदारी कम ही रही। पूरे मुंबई शहर जिले में 10 विधान सभा सीट आती हैं। यहां शाम पांच बजे तक कुल 49.07 प्रतिशत शहरियों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
उदाहरण के लिए कोलाबा में 41.64 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। हालांकि यह प्रदर्शन पांच साल पहले हुए चुनावों से थोड़ा अधिक रहा, जब 40.1 प्रतिशत मतदाताओं ने लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिया था। पूरे मुंबई शहर में 2019 के विधान सभा चुनाव में 48.22 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे।
मुंबई के उपनगरीय क्षेत्रों में 26 सीट आती हैं। यहां भी मतदान प्रतिशत 51.76 प्रतिशत रहा, लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले यह कुछ अधिक रहा जब 51.28 प्रतिशत मतदान हुआ था। ठाणे जिले की 18 सीटों पर 49.76 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले जबकि पुणे जिले की 21 सीटों पर वोट प्रतिशत 54.09 रहा।
निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र के इस उत्सव के प्रति इस उदासीनता के लिए निराशा जताई है। आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘वोट डालने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान समेत कई उपाय किए गए थे, लेकिन मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे शहरी इलाकों में मतदान में लोगों की भागीदारी बहुत कम रही।’
महाराष्ट्र के शहरी इलाकों में पिछले विधान सभा और लोक सभा चुनावों में कम मतदान के रुझान के सिलसिले को तोड़ने के लिए निर्वाचन आयोग ने इस बार इन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया। इसने बहुमंजिला इमारतों और सोसायटियों में 1185 मतदान केंद्र बनाने के साथ विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई थीं, ताकि यहां के लोगों को वोट डालने के लिए अधिक दूर न जाना पड़े।
लोगों को बैठने के लिए बेंच डाली गई थीं और मदद के लिए स्वयंसेवक तैनात किए गए थे। बुजुर्ग और असहाय मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था भी की गई थी। इसके अलावा कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए थे। इसी के साथ नांदेड़ लोक सभा क्षेत्र समेत अन्य राज्यों की 15 विधान सभा सीटों के लिए भी उपचुनाव हुआ।
इनमें उत्तर प्रदेश की नौ विधान सभा सीटों पर भी बुधवार को ही वोट डाले गए। आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में उत्तर प्रदेश में 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया। उन पर मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के आरोप थे।