विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद राज्य के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के संकेत दिखने लगे हैं। सभी राजनीतिक दल अब निकाय चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार से तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत की। एनसीपी (शरद पवार गुट) जनवरी में एक बड़ी बैठक करेगी, जबकि भाजपा पहले ही बीएमसी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।
राजनीतिक उठापटक से संकेत मिल रहे हैं कि आगामी निकाय चुनावों में सभी दल अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
बीएमसी चुनाव को लेकर तैयारियां तेज
मुंबई में अगले साल नगर निकाय चुनाव होने की संभावना है। 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद यह बीएमसी चुनाव उद्धव ठाकरे की पार्टी के लिए अहम साबित हो सकता है। विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ने की घोषणा की है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब ने बताया कि उद्धव ठाकरे मुंबई के सभी 227 नगरपालिका वार्डों में पार्टी की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। यह विचार-विमर्श तीन दिनों तक चलेगा।
शिवसेना (यूबीटी) महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का एक हिस्सा है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में एमवीए ने 288 में से केवल 46 सीटें जीती थीं, जिनमें से 20 सीटें शिवसेना (यूबीटी) ने जीतीं। मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और 10 सीटें जीतीं।
भाजपा की तैयारी
विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा अब बीएमसी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। हालांकि, भाजपा ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह चुनाव अकेले लड़ेगी या सहयोगियों के साथ। पार्टी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस पर फैसला स्थानीय इकाई करेगी।
भाजपा विधायक अमित साटम ने बताया कि 1 से 15 जनवरी के बीच नए मतदाताओं का पंजीकरण कराया जाएगा। 5 जनवरी को बूथ और स्टॉल लगाए जाएंगे, जैसे चुनाव के दौरान मतदान टेबल लगाए जाते हैं।
एनसीपी की बैठक
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 8 और 9 जनवरी को मुंबई में बड़ी बैठक करने जा रही है। यह बैठक यशवंतराव चव्हाण सेंटर, नरीमन पॉइंट में होगी। इसमें शरद पवार विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और जिला अध्यक्षों से चर्चा करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी के कुछ नेता महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, सुप्रिया सुले ने ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि जब तक तकनीकी सबूत नहीं मिलते, ईवीएम पर आरोप लगाना ठीक नहीं है।
ओबीसी आरक्षण और निकाय चुनाव
यदि उच्चतम न्यायालय जनवरी में ओबीसी आरक्षण पर फैसला सुनाता है, तो बीएमसी सहित स्थानीय निकाय चुनाव मार्च-अप्रैल 2025 में हो सकते हैं।
2022 में समाप्त हुए स्थानीय निकायों के कार्यकाल के बाद से चुनाव लंबित हैं। उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2021 में फैसला दिया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण तभी दिया जाएगा जब सरकार अदालत के 2010 के आदेश में बताई गई तीन शर्तें पूरी करे। इन शर्तों के तहत राज्य सरकार को हर स्थानीय निकाय में ओबीसी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का डेटा इकट्ठा करने के लिए एक आयोग बनाना होगा। इस आयोग की सिफारिशों के आधार पर आरक्षण का अनुपात तय किया जाएगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा न हो।