facebookmetapixel
UP International Trade Show: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन, नोएडा में कल से शुरू होगा ट्रेड शो; क्या है इस बार खास?मराठवाड़ा में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही, सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को आर्थिक मदद का आश्वासन दियाफ्री बिजली से डिस्कॉम्स लाखों करोड़ के घाटे में!लद्दाख में हिंसक हुआ विरोध, 4 लोगों की मौत, 30 घायल; सोनम वांगचुक ने जताया दुखZerodha Fund House का AUM 2 साल में ₹8,000 करोड़ के पार, सिर्फ डायरेक्ट प्लान से हासिल की सफलताअब कतर में भी चलेगा UPI, शुरू हुई पेमेंट सर्विस; भारतीय यात्रियों को मिलेगी बड़ी सुविधाJioBlackRock Flexi Cap Fund: स्कीम की 6 खास बातें, निवेश से पहले जरूर जान लेंलद्दाख में हिंसक हुआ विरोध, प्रदर्शनकारियों ने लेह में बीजेपी दफ्तर में लगाई आगCabinet Decisions: चुनाव से पहले बिहार को बड़ा तोहफा, ₹6014 करोड़ के रेलवे और हाईवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरीशिपबिल्डिंग और मरीन सेक्टर को तगड़ा बूस्ट, मोदी सरकार ने ₹69,725 करोड़ के पैकेज को दी मंजूरी

WTO ने वस्तु व्यापार का वृद्धि अनुमान घटाया, कहा- वैश्विक अर्थव्यवस्था में जुड़ी है बहुत ज्यादा अनिश्चितता

प्रमुख वस्तु निर्यातकों (EU के आंतरिक व्यापार को छोड़कर) में भारत का स्थान 2023 में एक अंक सुधरकर 13 हो गया है, जबकि कारोबार में हिस्सेदारी 2.2 प्रतिशत ही बनी हुई है।

Last Updated- April 10, 2024 | 9:38 PM IST
WTO

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बुधवार को 2024 के लिए वस्तु व्यापार में वृद्धि का अनुमान घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है, जबकि अक्टूबर में 3.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

बहरहाल बहुपक्षीय व्यापार निकाय ने अपने ताजा अनुमान ‘ग्लोबल ट्रेड आउटलुक ऐंड स्टैटिस्टिक्स’ में कहा है कि 2023 में 1.2 प्रतिशत संकुचन के बाद 2024 में महंगाई का दबाव कम होने और परिवारों की वास्तविक आमदनी में सुधार से वस्तुओं की मांग बढ़ेगी। पिछले साल अक्टूबर में डब्ल्यूटीओ ने 2023 में वस्तु कारोबार की मात्रा में 0.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि लगातार 2 साल की वृद्धि के बाद कारोबार के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में मूल्य के हिसाब से भारत का वस्तु व्यापार 1 से 1.5 प्रतिशत घटने की संभावना है।

WTO ने कहा है कि ताजा अनुमान से वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा अनिश्चितता जुड़ी हुई है। इसमें क्षेत्रीय टकराव, भू राजनीतिक तनाव और बढ़ता संरक्षणवाद शामिल है। ऐसे में व्यापार की मात्रा 2024 में 5.8 प्रतिशत तक बढ़ सकती है या -1.6 प्रतिशत तक नीचे जा सकती है।

इसमें आगाह किया गया है, ‘पश्चिम एशिया में टकराव के कारण यूरोप व एशिया के बीच मालवाहक जहाजों की आवाजाही का मार्ग बदलना पड़ा है और तनाव बढ़ने पर इस पर और असर पड़ सकता है। बढ़ता संरक्षणवाद एक और जोखिम है, जिसकी वजह से 2024 और 2025 में रिकवरी प्रभावित हो सकती है।’

रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख वस्तु निर्यातकों (EU के आंतरिक व्यापार को छोड़कर) में भारत का स्थान 2023 में एक अंक सुधरकर 13 हो गया है, जबकि कारोबार में हिस्सेदारी 2.2 प्रतिशत ही बनी हुई है। वहीं एक साल पहले की तुलना में 2023 में वस्तु निर्यातक देशों में भारत का स्थान एक अंक बढ़कर छठा हो गया है, जबकि इसकी हिस्सेदारी 3.4 प्रतिशत बनी हुई है।

First Published - April 10, 2024 | 9:38 PM IST

संबंधित पोस्ट