facebookmetapixel
Nepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउट

खाद्य कीमतें बढऩे से 2 अंकों में थोक महंगाई

Last Updated- December 11, 2022 | 10:05 PM IST

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) नवंबर की तुलना में थोड़ी कम हुई है। हालांकि अभी भी लगातार 9वें महीने में महंगाई दर दो अंकों में बनी हुई है।
लगातार चार महीने से तेजी दिखा रही थोक महंगाई दिसंबर में कम हुई और यह घटकर 13.56 प्रतिशत आ गई है। हालांकि खाद्य की कीमतें बढ़ी हैं। थोक महंगाई दर नवंबर में 14.23 प्रतिशत थी, जबकि दिसंबर 2020 में यह 1.95 प्रतिशत थी।
उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘दिसंबर 2021 में महंगाई की ज्यादा दर प्राथमिक रूप से मिनरल ऑयल, मूलभूत धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, रसायन व रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों, टेक्सटाइल और कागज एवं कागज उत्पाद आदि की कीमतों में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में महंगी होने की वजह से है।’
डब्ल्यूपीआई खाद्य महंगाई दिसंबर में 23 महीने के उच्च स्तर 9.56 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो नवंबर में 4.88 प्रतिशत थी। सब्जियों के दाम में 31.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पहले के महीने में 3.91 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘प्राथमिक खाद्य महंगाई में अक्टूबर 2021 में 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई थी, जबकि दिसंबर 2021 में 23 महीने के उच्च स्तर पर है। इससे खासकर सब्जियों की कीमतों में आधार का असर पक्ष में न होने का पता चलता है। ओमीक्रोन की वजह से जिंसों के वैश्विक दाम में कमी आई है, वहीं घरेलू उत्पादकों ने विभिन्न क्षेत्रों में कीमतों में बढ़ोतरी की है, जिससे इनपुट लागत में बढ़ोतरी के समग्र असर से मुनाफा बचाया जा सके।’
नायर ने कहा, ‘दिसंबर 2021 में दो अंकों की थोक महंगाई जारी रहने के बाद हम उम्मीद करते हैं कि एमपीसी फरवरी 2022 में इससे प्रभावित हुए बगैर यथास्थिति बनाए रखेगा। एक बार स्थिति सामान्य हो जाने पर हम उम्मीद करते हैं कि रीपो दर में 25 आधार अंक की दो बढ़ोतरी होगी।’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति की घोषणा 9 फरवरी को करेगा।
इंडिया रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि फलों और सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी की एक वजह देश के दक्षिणी इलाकों में भारी बारिश के कारण आपूर्ति में व्यवधान है। इसके साथ ही मोटे अनाज की महंगाई दिसंबर में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई है, जो 22 महीने का उच्च स्तर है। खाद्य तेल की महंगाई कुछ कम होने के बावजूद 16.84 प्रतिशत के बढ़े स्तर पर बनी हुई है।
सिन्हा ने कहा, ‘ओमीक्रोन के प्रसार की चिंता की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है। लेकिन दिसंबर 2021 में ब्रेंट क्रूड 74.22 डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा, जिसके कारण भारत के बाजार में ईंधन की कीमत अभी भी ज्यादा बनी हुई है।’
सिन्हा ने कहा कि अगर आगे की स्थिति पर नजर डालें तो ईंधन की कीमतें बढ़े स्तर पर बनी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के मामले बढऩे से वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान आएगा और परिवहन और वितरण लागत पर दबाव बढ़ेगा। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष के शेष महीनों में भी थोक महंगाई 2 अंकों में बनी रहेगी।’

First Published - January 14, 2022 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट