facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Infosys, Tata Power, JSW Infra समेत आज ये स्टॉक्स रहेंगे सेंटर ऑफ अट्रैक्शन; चेक करें लिस्टDPDP Act: डिजिटल प्राइवेसी नियमों पर सरकार सख्त, अनुपालन समय घटाने पर विचारByju’s अल्फा से गायब करोड़ों! नई याचिका में रवींद्रन पर गंभीर आरोपEditorial: वोडाफोन आइडिया के एजीआर संकट पर समाधान की उम्मीद, समान नीति की मांग तेजबजट 2026 में राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन जरूरीतकनीकी दिग्गजों ने भारतीय यूजर्स से कमाए अरबों डॉलर, इसे देश में ही रोकने की जरूरतबांग्लादेश में विशेष न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को दी मौत की सजा, हिंसक दमन का ‘प्रमुख सूत्रधार’ बतायाबिहार: नीतीश के हाथ में ही रहेगी कमान, जदयू-भाजपा गठबंधन में मंत्री पदों का बंटवारा तयआईटी शेयरों पर फंड मैनेजरों की दो राय, गिरावट के बाद अब रिकवरी की बढ़ीं उम्मीदेंBihar Election Analysis: बिहार में दोबारा जीत का ट्रेंड मजबूत, BJP-JDU की सीटों पर वोट प्रतिशत भी बढ़ा

WPI Inflation: खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 2.04% पर आई

WPI: थोक मूल्य सूचकांक के प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में यह 8.80 प्रतिशत थी।

Last Updated- August 14, 2024 | 2:23 PM IST
inflation base year
Representative image

देश की थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 2.04 प्रतिशत आ गई। खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की कीमतों में नरमी इसकी प्रमुख वजह रही। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में जुलाई में गिरावट आई है, जबकि जून तक लगातार चार महीने इसमें वृद्धि हुई थी। जून में 3.36 प्रतिशत थी। पिछले साल जुलाई में इसमें 1.23 प्रतिशत की गिरावट रही थी।

आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति 3.45 प्रतिशत रही, जो जून में 10.87 प्रतिशत थी। इसकी मुख्य वजह सब्जियों, अनाज, दालों और प्याज की कीमतों में मासिक आधार पर गिरावट रही।

सब्जियों की कीमतों में जुलाई में 8.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि जून में इनमें 38.76 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘जुलाई 2024 में मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही।’’

निर्मित उत्पाद समूह की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई। ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 1.03 प्रतिशत थी।

इक्रा के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा, ‘‘ मुख्य (गैर-खाद्य विनिर्माण) डब्ल्यूपीआई लगातार पांचवें महीने बढ़ता रहा, जो जुलाई 2024 में 1.2 प्रतिशत के साथ 17 महीने के उच्च स्तर को छू गया, हालांकि सूचकांक लगातार दूसरे महीने क्रमिक आधार पर संकुचित हुआ।’’

थोक मूल्य सूचकांक में जुलाई में गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप रही। इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, ‘‘ भविष्य में हम उम्मीद करते हैं कि थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में निरंतर नरमी से उत्पादन स्तर की लागत कम होगी और देश में उपभोग मांग बढ़ेगी।’’

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।

First Published - August 14, 2024 | 12:11 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट