कच्चे तेल के प्रोडक्शन पर लागू विंडफॉल टैक्स को घटाकर जीरो कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ डीजल पर लागू लेवी को भी घटाकर आधा कर दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से आज यानी मंगलवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया। बता दें कि अभी तक पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर 3,500 रुपये (42.56 डॉलर) प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लागू था।
भारत सरकार ने कच्चे तेल उत्पादकों पर जुलाई में विंडफॉल टैक्स और गैसोलीन, डीजल तथा एविएशन फ्यूल के निर्यात पर लेवी लगाने का ऐलान किया था। क्योंकि निजी रिफाइनरीज पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में आई तेजी का लाभ उठाने के लिए घरेलू बाजार की जगह विदेशी बाजारों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री करने की जुगत में थी। देश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने विंडफॉल टैक्स लगाने का निर्णय लिया था।
जब कोई इंडस्ट्री अप्रत्याशित रुप से बड़ा मुनाफा कमाती है तो सरकारों द्वारा विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है। बता दें कि पिछले दो हफ्तों में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स कर दरों की समीक्षा की जाती है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट के साथ ही विंडफॉल टैक्स में भी गिरावट आती रहती है।