गत वर्ष के जुलाई से सितंबर के दौरान छह राज्यों में बेरोजगारी में वृद्घि नजर आई थी जबकि उस दौरान देश में समग्र बेरोजगारी इससे पिछली तिमाही के 8.9 फीसदी के मुकाबले घटकर 8.4 फीसदी रह गई थी। यह जानकारी सोमवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों से सामने आई है।
जुलाई-सितंबर 2019 की अवधि के लिए शहरी इलाकों के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक अधिक बेरोजगारी वाले ये छह राज्य गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर हैं।
शहरी बेरोजगारी में सबसे तेज उछाल गुजरात में नजर आई जहां यह 1.3 प्रतिशत अंक बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई थी। संभवत: ऐसा कम आधार प्रभाव के कारण से है। गुजरात के बाद केरल का स्थान आता है जहां जुलाई-सितंबर, 2019 के दौरान बेरोजगारी दर बढ़कर 13.9 फीसदी हो गई जो उससे पिछले तिमाही में 12.8 फीसदी रही थी। तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश रहा जहां बेरोजगारी एक प्रतिशत अंक बढ़कर 10.1 फीसदी रही। बेरोगारी दर में सबसे तेज गिरावट हरियाणा में देखी गई। यहां बेरोगारी अप्रैल-जून 2019 में 11.5 फीसदी थी जो जुलाई-सितंबर 2019 में घटकर 7.5 फीसदी रह गई। इसके बाद इस मामले में ओडिशा का स्थान है जहां बेरोगारी दर 12.4 फीसदी से कम होकर 10.9 फीसदी पर आ गई।
शहरों में जुलाई-सितंबर 2019 के दौरान 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं की बेरोजगारी एक प्रतिशत अंक घटकर 20.6 फीसदी रही। हालांकि, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कुल नौ राज्यों में युवाओं की बेरोजगारी दर में उछाल नजर आई। देश के शहरों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) (नौकरी ढूंढ रहे या नियोजित आबादी का अनुपात) 46.5 फीसदी से बढ़कर 47.3 फीसदी पर पहुंच गई। हालांकि हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और ओडिशा के शहरों में एलएफपीआर उछाल पर रही। किसी साल में यह पहली बार है जब शहरों में महिलाओं के लिए एलएफपीआर ऊपर चढ़ी है। यह अप्रैल-जून 2919 के 19 फीसदी से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2019 में 20.3 फीसदी हो गई। जुलाई-सितंबर 2018 से पहली बार वर्ष में महिलाओं के लिए एलएफपीआर में उछाल दर्शाने वाले राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, असम, छत्तसीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा मध्य प्रदेश। हालांकि, तिमाही सर्वेक्षण के बाद से श्रम बाजार में बुरी तरह से बदलाव आ चुका है। 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण प्राधिकारियों ने राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया जिससे कारोबार बंद हो गए।
सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 5 मई, 2020 को बेराजगारी दर 27.1 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। उस दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू था। एक बार फिर से आर्थिक गतिविधियों के तेज होने से 18 अक्टूबर को बेरोजगारी दर घटकर 7.8 फीसदी पर आ गई है।
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी महेश व्यास के मुताबिक 2019-20 में बेरोजगारी दर 39.4 फीसदी थी जो कम होकर 27.2 फीसदी पर आ गई थी उसके बाद सितंबर, 2020 में यह फिर से बढ़कर 38 फीसदी पर पहुंच गई थी। अक्टूबर के पहले तीन हफ्तों में बेरोजगारी दर क्रमश: 37.6 फीसदी, 37.5 फीसदी और 37.9 फीसदी रही।
