भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस इकोसिस्टम पर विशेष तरीके से भुगतान पर लागू किया गया शुल्क जरूरी नहीं है कि सभी यूपीआई पर लागू हो। ग्राहकों और व्यापारियों दोनों के लिए ही करीब 99.99 प्रतिशत यूपीआई लेन देन (एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरण पर) मुफ्त रहेगा। इसके अलावा जब तक सरकार इस नीति की समीक्षा करने का निर्णय नहीं लेती, तब तक यह सुविधा मुफ्त रहेगी।
अगस्त 2022 के मध्य में वित्त मंत्री ने कहा था कि यूपीआई एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु है। उन्होने यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने की किसी भी योजना से इनकार किया था।
NPCI के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘एक खाते से दूसरे खाते में धन हस्तांतरण करने वाले ग्राहकों के लिए यूपीआई बेस प्लेटफॉर्म है। सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक इसके लिए व्यापारियों से शुल्क नहीं लिया जाता है। यह तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार इसकी समीक्षा नहीं करती है। तब तक सरकार हर साल डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन दे रही है, जिससे यह व्यवस्था जारी रखी जा सके।’
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ उस स्थिति के लिए है, जब ग्राहक क्रेडिट या PPI (प्रीपेड वॉलेट) से यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करता है। वालेट के लिए पहले भी शुल्क लगता था। लेकिन व्यापारियों और वालेट जारी करने वालों ने मिलकर यह फैसला किया है, जो केवल नेटवर्क के स्तर पर परिभाषित किया गया है। लेकिन ग्राहकों के लिए यह मुफ्त बना रहेगा।’