जेनेरिक दवा बनाने वाली कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए भारत ने यूरोपीय मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) देशों की ‘डेटा एक्सक्लूसिविटी’ की मांग खारिज कर दी है। यह दोनों पक्षों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के बौद्धिक संपदा (आईपी) अध्याय का हिस्सा है।
ईएफटीए में 4 देश आईलैंड, स्विटजरलैंड, नॉर्वे और लिचस्टनटाइन हैं। डेटा एक्सक्लूसिविटी का मतलब नवाचार करने वाली कंपनियों के टेक्निकल डेटा को सुरक्षित रखना है ताकि उनके उत्पादों की उपयोगिता बनी रहे। वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने गुरुवार को कहा कि ऐसा कोई मुक्त व्यापार समझौता नहीं होगा, जो भारत के जेनेरिक दवा उद्योग के खिलाफ हो।
बड़थ्वाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘वे डेटा एक्सक्लूसिविटी चाहते थे, हमने उनकी मांग खारिज कर दी। हम अपने जेनेरिक उद्योग के साथ हैं। भारत के जेनेरिक उद्योग को कोई डर (इस समझौते से) नहीं है। दरअसल यह हमारा बहुत महत्त्वपू्र्ण मकसद है कि जेनेरिक दवा उद्योग बढ़े।’
एक दशक से ज्यादा समय से भारत एफटीए में डेटा एक्सक्लूसिविटी के प्रावधानों को शामिल किए जाने के खिलाफ रहा है, जिससे घरेलू जेनेरिक दवा उद्योग के हितों की रक्षा की जा सके।