कोझीकोड में विमान दुर्घटना के एक घंटे बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग 737 के पायलटों को बाहर निकाला जा सका, क्योंकि हवाईअड्डे के बचाव और अग्निशमन (एआरएफएफ) दल के सदस्य इस तरह के विमान के ढांचे से परिचित नहीं थे। इस दुर्घटना की जांच कर रहे दल की रिपोर्ट में यह सामने आया है। 7 अगस्त, 2020 को हुई दुर्घटना की जांच रिपोर्ट विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के महानिदेशक अरविंदो हांडा ने शनिवार को जारी की।
इसमें सिफारिश की गई है कि एयरलाइन और एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआई) उनके प्रशिक्षण में सुधार करे। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि आगे किसी दुर्घटना को रोकने के लिए रनवे के आखिर के सुरक्षा क्षेत्रों और सिमुलेटर्स का बेहतर रखरखाव किया जाना चाहिए। रनवे से फिसलकर खाईं में विमान चले जाने से एआई एक्सप्रेस बोइंग एयक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने से दोनों पायलटों सहित 21 लोगों की मौत हो गई थी। यह विमान दुबई से लौट रहा था और इसमें 184 यात्री सवार थे।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कोझीकोड के एआरआरएफ क्रू उस विमान के प्रकार से परिचित नहीं थे। इसके कारण बचाव अभियान में तालमेल में देरी हुई और कॉकपिट से पायलटों को देरी से निकाला जा सका।’ सीआईएसएफ के एक इंसपेक्टर ने मुख्य पायलट को कॉकपिट से निकाला, जबकि उसके सहयोगी पायलट को एक एक अनजाने व्यक्ति ने निकाला।