देसी उद्योग जगत के आला अधिकारियों को नए साल में आने वाले बजट से बहुत उम्मीदें हैं। 2020 पूरे कंपनी जगत और अर्थव्यवस्था के लिए उथलपुथल भरा रहा मगर उसके गुजरने के बाद 2021 में कंपनियों के मुख्य कार्य अधिकारियों (सीईओ) को निवेश गतिविधियों में रफ्तार आने की उम्मीद है। उन्हें लगता है कि अर्थव्यवस्था को उबारने की सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कोशिशों से अगले वित्त वर्ष में तेजी का दौर एक बार फिर शुरू हो सकता है। मगर यह तभी होगा, जब कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण सफल हो जाए।
दिसंबर में हुए सर्वेक्षण में देश के शीर्ष 33 सीईओ ने हिस्सा लिया और उनमें से 73 प्रतिशत ने अगले साल निवेश बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनवरी से देश में टीकारण अभियान शुरू हुआ तो कर्मचारी धीरे-धीरे दफ्तर आना शुरू कर देंगे। मुख्य कार्य अधिकारी मानते हैं कि अगले वित्त वर्ष का बजट काफी अहम होगा। उन्हें लगता है कि अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के लिए सरकार कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली एक कंपनी के सीईओ ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘कोविड-19 के बाद उत्पन्न हालात में सरकार ने उद्योग जगत की बात सुनने में अधिक तत्परता दिखाई है, जिससे नया उत्साह पैदा हुआ है। वित्तीय प्रोत्साहनों से लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।’ एक अन्य कार्य अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सरकार ने हरेक मोर्चे पर भरपूर कोशिश की है, लेकिन संसद की नई इमारत और बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू करने से फिलहाल बचना चाहिए था।
कोरोना संकट से मिले सबक का जिक्र करते हुए सीईओ ने कहा कि दुनिया में किसी भी वक्त नए हालात पैदा हो सकते हैं, इसलिए कंपनियों को अत्याधुनिक तकनीक में निवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। एक सीईओ ने कहा कि कर्मचारियों पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि कठिन दौर में कारोबार संभालने का सारा दारोमदार उन्हीं पर होगा। सर्वेक्षण के अनुसार जितने सीईओ से बात की गई उनमें लगभग 40 प्रतिशत ने 2020 में कर्मचारियों पर अपना खर्च घटाया मगर अच्छी बात यह रही कि 80 प्रतिशत ने नए साल में ज्यादा भर्तियां करने की बात कही। एक दिलचस्प बात यह रही कि कंपनियों ने औसतन 87 प्रतिशत क्षमता से काम किया, जिससे पता चलता है कि लॉकडाउन हटते ही कंपनियों की स्थिति कितनी जल्दी सुधर गई।
ज्यादातर सीईओ ने उम्मीद जताई कि अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का आकार बढऩा शुरू हो जाएगा क्योंकि अधिक खर्च किए जाने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में हालात तेजी से सुधरने से अर्थव्यवस्था को उम्मीद से कहीं अधिक ताकत मिलेगी। करीब 79 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र आर्थिक वृद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। सर्वेक्षण में ज्यादातर सीईओ (58 प्रतिशत) ने कहा कि 2021 में आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में और कमी के आसार नहीं लगते। कोविड-19 महामारी फैलने के बाद आरबीआई नीतिगत दरें कई बार घटा चुका है और पिछले 9 साल में दरें कभी इतनी कम नहीं रहीं, जितनी इस समय हैं। हालांकि सीईओ को आशंका है कि 2021 में महंगाई परेशानी का सबब बन सकती है। मगर उन्हें लगता है कि बाजार अगले साल भी मजबूत रहेगा। करीब 58 प्रतिशत मुख्य कार्य अधिकारियों ने कहा कि दिसंबर 2021 के अंत तक रुपया डॉलर के मुकाबले 76 से नीचे ही रहेगा। ज्यादातर सीईओ की राय में आत्मनिर्भर भारत अभियान सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे घरेलू उद्योग-धंधों को भविष्य में काफी लाभ मिलेगा।