इंश्योरेंस इंडस्ट्री के दिग्गजों का मानना है कि प्रस्तावित जीएसटी (GST) छूट से इंश्योरेंस की ज्यादा लोगों तक पहुंच बढ़ाने में मदद मिल सकती है लेकिन यह कदम पूरे सेक्टर को नहीं बदल सकता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025 में “Will GST waiver improve penetration?” विषय पर एक पैनल डिस्कशन में सेक्टर के दिग्गजों ने कहा कि इंश्योरेंस की ज्यादा से ज्यादा पहुंच बढ़ाने के लिए जागरूकता, एजेंट्स को सही ट्रेनिंग, रिस्क मैनेजमेंट और एफिशिएंशी जैसे फैक्टर्स पर फोकस करना होगा।
पैनल डिस्कसन में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के प्रबंध निदेशक (MD) रत्नाकर पटनायक ने कहा, “केवल जीएसटी से छूट देने से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी। GST छूट से ज्यादा जरूरी जागरूकता और एजेंट्स को सही ट्रेनिंग देने की।”
उन्होंने बताया कि टर्म इंश्योरेंस में अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है। औसत डेथ क्लेम ₹3 लाख से कम है, जो बताता है कि इंश्योरेंस की समझ अभी भी सीमित है। पटनायक ने यह भी बताया कि LIC का 95% बिजनेस एजेंट्स के जरिए आता है, और आने वाले वर्षों में एजेंट कमीशन और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल दोनों में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है।
बजाज लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तरुण चुग ने कहा कि इंश्योरेंस कोई ऐसा प्रोडक्ट नहीं है जो लोग खुद से खरीद लें। इसमें जागरूकता की भारी कमी है। जीएसटी में कटौती एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इंडस्ट्री को ग्राहकों तक इसे पहुंचाने के लिए और मेहनत करनी होगी। उन्होंने बताया कि बीमा सेक्टर के चार प्रमुख स्टेकहोल्डर ग्राहक, इंश्योरेंस कंपनियां, डिस्ट्रीब्यूटर और वेंडर हैं।
चुक का कहना है कि इनमें से आखिरी तीन को ज्यादा मेहनत करनी होगी। एजुकेशन और इनोवेशलन ही इंडस्ट्री को आगे ले जा सकते हैं।
कोटक लाइफ इंश्योरेंस के एमडी महेश बालासुब्रमण्यम ने कहा कि इंश्योरेंस कोई लक्जरी नहीं, बल्कि जरूरत है। यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। ‘रिस्क मैनेजमेंट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी’ इंडस्ट्री की प्राथमिकता होनी चाहिए।
बालासुब्रमण्यम का कहना है कि हम जीएसटी में राहत पर ज्यादा दे रहे हैं, जबकि मैनेजमेंट और तकनीकी दक्षता बढ़ाना ज्यादा जरूरी है। अगर रिस्क मैनेजमेंट मजबूत होगा, तो पॉलिसी जारी करने की रफ्तार और भरोसा दोनों बढ़ेंगे। अगर हम लोगों को स्वस्थ रख सकते हैं, तो यही इंश्योरेंस कंपनियों के लिए सबसे बड़ा लाभ है।
ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ अनुप बागची ने कहा कि अब लोग लाइफ इंश्योरेंस पर ज्यादा गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं। पहली बार इतनी सकारात्मक चर्चा हो रही है, और इसका कारण है कि इंश्योरेंस अब लोगों की पहुंच में आ गया है।
उन्होंने कहा कि ग्राहक अब छोटे प्रीमियम, बड़े कवर, तेज पॉलिसी जारी होने और तुरंत सेटलमेंट चाहते हैं। हालांकि उन्होंने चेताया कि केवल अफॉर्डेबिलिटी से इंडस्ट्री की लॉन्ग टर्म ग्रोथ नहीं होगी। सबसे जरूरी है इंडस्ट्री की लगातार ग्रोथ। अगर ग्रोथ नहीं होगी, तो कुछ भी आगे नहीं बढ़ पाएगा।