भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करने में प्रौद्योगिकी मददगार साबित होगी। आज भारत प्रौद्योगिकी परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। देश की विस्तार लेती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल पैमेंट से लेकर एआई आधारित ऋण एवं अन्य वित्तीय सेवाओं में इनोवेशन तक फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में लगातार सुधार हो रहा है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में दास ने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता ऐसा माहौल तैयार करना है, जिसमें देश के 140 करोड़ लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सेवाएं बिना किसी बाधा के काम करती रहें। भारत इस समय बदलाव के ऐसे मुहाने पर है, जहां तकनीक लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक इंजन का काम करेगी।’
उन्होंने कहा कि नीति निर्धारकों, नियामकों और नवोन्मेषकों के बीच मजबूत रिश्ता भारत की फिनटेक यात्रा का प्रमुख आधार रहा है। आधार, यूपीआई और डिजिलॉकर जैसी सफल योजनाएं इन्हीं संयुक्त प्रयासों का नतीजा हैं।
अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क, यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) और ओपन क्रेडित एनेबलमेंट नेटवर्क (ओसीईएन) जैसी नई पहलें विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और लोगों के लिए ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का नियामकीय ढांचे ने नये और अभिनव कारोबार को संरचित और टिकाऊ तरीके से आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाया है। यह नवाचार को बहुत ही समझदारी के साथ बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दास ने यह भी कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने वित्तीय समावेशन को आगे ले जाने, दक्षता बढ़ाने और देश भर में वास्तविक समय की सेवाएं देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही कारण है कि आज भारत डिजिटल भुगतान में विश्व भर में अग्रणी बना हुआ है।