आईफोन बनाने वाली ऐपल इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 में 9 अरब डॉलर की घरेलू बिक्री का आंकड़ा छू लिया। इससे कंपनी राजस्व के लिहाज से देश की शीर्ष 10 विनिर्माण बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल हो गई। अमेरिका और भारत में कंपनी ने शेयर बाजार को बताया है कि इसके बावजूद यह ऐपल के वैश्विक राजस्व 416.1 अरब डॉलर में महज 2 फीसदी हिस्सेदारी है।
फिर भी, आईफोन के उत्पादन में भारत की भूमिका एक अलग कहानी बयां करती है। वित्त वर्ष 2025 में दुनिया भर में बने हर पांच में से एक आईफोन भारत से आया था और देश ने ऐपल के वैश्विक उत्पादन मूल्य में 12 फीसदी योगदान दिया। ऐपल ने पहली बार भारत में प्रो और प्रो मैक्स जैसे आईफोन के सबसे महंगे मॉडल की असेंबलिंग भी भारत में ही शुरू की।
घरेलू बाजार का आकार यों समझिएः वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका से करीब 178.4 अरब डॉलर की कमाई हुई, जो ऐपल के वैश्विक राजस्व की करीब 43 फीसदी है। इसके अलावा, इन आईफोन का बढ़ता हिस्सा भारत से भेजा गया। इसके बाद 111 अरब डॉलर यानी 26.7 फीसदी के साथ यूरोप का स्थान रहा।
64.3 अरब डॉलर यानी 15.4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ ग्रेटर चीन, 28.7 अरब डॉलर यानी 6.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ जापान और 24.7 अरब डॉलर यानी 5.91 फीसदी हिस्सेदारी के साथ एशिया-प्रशांत के अन्य देशों (इसमें भारत, चीन, जापान शामिल नहीं) का स्थान रहा।
पिछले एक दशक में भारत में ऐपल का राजस्व लगभग आठ गुना बढ़ा है। इसका मुख्य कारण आईफोन, मैकबुक, आईपैड, एयरपॉड्स और अन्य सहायक उपकरण हैं। कुल बिक्री में सेवाओं का हिस्सा छोटे से एक अंक में है।
वित्त वर्ष 2025 में ऐपल इंडिया के राजस्व में आईफोन का योगदान लगभग 6 अरब डॉलर रहा, जो उसके 9 अरब डॉलर के राजस्व का 65 फीसदी से भी अधिक है। यह वैश्विक राजस्व से कहीं अधिक है, जहां आईफोन का योगदान 209 अरब डॉलर यानी ऐपल की कुल बिक्री का 50 फीसदी था।