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2021-22 में विदेशी कर्ज में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी

Last Updated- December 11, 2022 | 3:42 PM IST

महामारी कम होने और आर्थिक रफ्तार बढ़ने के साथ 2020-21 के विपरीत 2021-22 में देश के बाहरी ऋण में निजी क्षेत्र का दबदबा रहा है। मार्च 2022 के अंत में देश के बाहरी ऋण में कुल मिलाकर 8.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें गैर सॉवरिन बाहरी ऋण (नॉन एसईडी) की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत रही है, जो एक साल पहले 29 प्रतिशत थी।

आमतौर पर सामान्य साल में नॉन-एसईडी में चल रही गतिविधियां बाहरी ऋण की गतिशीलता प्रभावित करती हैं। इसके विपरीत महामारी के साल में एसईडी में वृद्धि हुई और इसका विदेशी कर्ज में कुल वृद्धि में बड़ा हिस्सा रहा है, जो बहुपक्षीय संस्थानों से कोविड-19 ऋण के रूप में आया।

हाल में बाहरी ऋण पर जारी पत्र में कहा गया है, ‘महामारी कम होने और स्थिति सामान्य होने के साथ अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के साथ भारत के बाहरी ऋण (ईडी) की गति सामान्य हुई है और ईडी की कुल वृद्धि में नॉन-एसईडी का हिस्सा बढ़ा है। मार्च 2022 के अंत में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह दोगुना हो गया है। वृद्धि के प्रति संवेदनशील वाणिज्यिक उधारी और आयात के प्रति संवेदनशील कम अवधि के कारोबारी ऋण को विस्तार मिलने से ऐसा हुआ है।’

First Published - September 11, 2022 | 9:32 PM IST

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