facebookmetapixel
PhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रियाबिहार चुनाव में वोटों की बाढ़! SIR विवाद के बीच रिकॉर्ड 66.9% मतदान से सभी चौंकेअक्टूबर में निचले स्तर पर खुदरा महंगाई, जीएसटी दरों में कमी असरहिल स्टेशनों में प्रॉपर्टी की डिमांड बूम पर! देहरादून से मनाली तक कीमतों में जबरदस्त उछाल

Rising Global Debt: वैश्विक कर्ज से जुड़ी असुरक्षा मंदी का खतरा पैदा कर रही- निर्मला सीतारमण

Last Updated- January 12, 2023 | 3:06 PM IST
Sitharaman invites Mexican companies to collaborate with startups, educational institutions सीतारमण ने मैक्सिकों की कंपनियों को स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग के लिए किया आमंत्रित

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक स्तर पर कर्ज से जुड़ी असुरक्षा की स्थिति का जिक्र करते हुए गुरुवार को कहा कि यह प्रणालीगत वैश्विक कर्ज संकट का खतरा पैदा कर रही है, ऐसे में विकास के सामाजिक आयाम और बढ़ते वित्तीय अंतर के विषय पर ध्यान देने की जरूरत है जिसका सामना कई देश कर रहे हैं।

सीतारमण ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते कहा, ‘‘भारत दशकों से विकास के पथ पर हमारी सहयात्री रहे वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के दृष्टिकोण को रखने को उत्सुक है। ’’

उन्होंने कहा कि दशकों से भारत अनुदान, रिण सुविधा, तकनीकी परामर्श, भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) के माध्यम से अनेक क्षेत्रों में विकास में सहयोग के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमें ऐसे तंत्र तलाशना चाहिए ताकि बहुतस्तरीय विकास बैंकों द्वारा प्रदान किया जा रहा समर्थन देश की विशिष्ठ जरूरतों के अनुरूप एवं अनुपूरक हों।’’

सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कर्ज से जुड़ी असुरक्षा की स्थिति बढ़ रही है और प्रणालीगत वैश्विक कर्ज संकट का खतरा पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बाह्य कर्ज की अदायगी और खाद्य एवं ईंधन जैसी आवश्यक घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बीच फंसी अर्थव्यवस्थाओं से स्पष्ट होती है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ ऐसे में विकास के सामाजिक आयाम और बढ़ते वित्तीय अंतर के विषय पर ध्यान देने की जरूरत है जिसका सामना कई देश टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में कर रहे हैं।’’

ग्लोबल साउथ क्षेत्र के साथ भारत के सहयोग को रेखांकित करते हुए सीतारमण ने कहा कि हमारी विकास सहयोग परियोजनाएं वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों के साथ ज्ञान साझा करने एवं क्षमता निर्माण के लिये आदर्श बन रही हैं।

वित्त मंत्री सीतारमण ने इस शिखर सम्मेलन में ‘‘लोक केंद्रित विकास का वित्त पोषण’ सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस सत्र में मुख्य रूप से यह चर्चा हो रही है कि विकास का वित्त-पोषण कैसे किया जाए, कैसे कर्ज के जाल से बचें तथा अपनी विकास सहायता का ढांचा किस प्रकार से तैयार करें और वित्तीय समावेशन कैसे सुनिश्चित करें। भारत 12-13 जनवरी को दो दिवसीय ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जो यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर विकासशील देशों को अपनी चिंताएं साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

‘ग्लोबल साउथ’ व्यापक रूप से एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के विकासशील देशों एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं को कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए खाद्य, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों, कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं पर भी चिंता व्यक्त की।

First Published - January 12, 2023 | 3:03 PM IST

संबंधित पोस्ट