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RBI MPC Meet: रीपो दर बरकरार, केंद्रीय बैंक ने कहा-उधारी दर में नहीं हुआ पर्याप्त इजाफा

RBI MPC Meet: तरलता की कमी से निपटने के लिए RBI द्वारा कोई नए उपाय की घोषणा नहीं किए जाने से भी बाजार निराश हुआ।

Last Updated- February 08, 2024 | 11:06 PM IST
Repo rate

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने रीपो दर में बदलाव नहीं करने और नीतिगत रुख को भी बरकरार रखने का आज निर्णय किया है। दोनों प्रस्तावों पर 5 सदस्यों ने पक्ष में और एक सदस्य ने विरोध में मत दिया। दिलचस्प है कि समिति के बाहरी सदस्य जयंत वर्मा ने पहली बार दर में 25 आधार अंक की कटौती के पक्ष में मत दिया। उन्होंने रुख को समायोजन से बदलकर तटस्थ करने की भी वकालत की।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘खाद्य कीमतों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और मुख्य मुद्रास्फीति कम करने की राह में प्रभाव डाल रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘2022 के गर्मियों के मौसम के उच्च स्तर से मुद्रास्फीति काफी कम हुई है। लेकिन इसे लक्ष्य के दायरे में लाने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और हमें आपूर्ति पक्ष की नई अड़चनों को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि यह अभी तक की प्रगति पर पानी फेर सकती है।’

मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो दर 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 फीसदी करने के बाद आरबीआई ने पिछले साल अप्रैल में दर वृद्धि पर विराम लगा दिया था। यह लगातार छठा मौका है जब मौद्रिक नीति समिति ने दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।

बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि जहां तक उधारी दरों को कोष की सीमांत लागत दर (एमसीएलआर) से जोड़ने की बात है तो यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘जमा दरें तेजी से बढ़ी हैं मगर उधारी के मामले में ज्यादा तेजी नहीं दिखाई गई।’आरबीआई के सतर्क बयान से बाजार थोड़ा निराश दिखा और सेंसेक्स 723.57 अंक लुढ़क गया और 10 वर्षीय बॉन्ड के यील्ड में नरमी देखी गई।

बार्कले के प्रबंध निदेशक और ईएम एशिया (चीन को छोड़कर) इकनॉमिक्स के प्रमुख राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘हमारे उम्मीद के विपरीत आरबीआई गवर्नर और मौद्रिक नीति समिति का बयान दिसंबर की बैठक की तरह ही सतर्क दिखा।’ आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

इसी तरह वित्त वर्ष 2025 में मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई के अनुसार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5 फीसदी रहेगी और दूसरी तिमाही में यह घटकर 4 फीसदी रह जाएगी। ऐसे में रीपो दर में कटौती वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही से पहले होने की संभावना नहीं है।

एचडीएफसी बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ‘आरबीआई ने नीति में बदलाव के लिए काफी कम गुंजाइश छोड़ी है, जिससे अगस्त 2024 से पहले रीपो में कटौती की उम्मीद नहीं है।’

तरलता की कमी से निपटने के लिए आरबीआई द्वारा कोई नए उपाय की घोषणा नहीं किए जाने से भी बाजार निराश हुआ।

First Published - February 8, 2024 | 11:06 PM IST

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