भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (ShaktikantDas) का कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इसे लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है गवर्नर दास अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी पद पर बने रहेंगे या नहीं।
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्टर ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में उनके कार्यकाल विस्तार के बारे में पूछा तो दास ने मुस्कुराते हुए सवाल टाल दिया और कहा, “मैं आज आपको कोई हैडलाइन नहीं देने वाला हूं।”
रिपोर्टर ने पूछा, ”यह सवाल हर किसी के मन में है। क्या आपने अब तक सरकार से इस बारे में कुछ सुना है कि क्या आप इस कार्यकाल को जारी रख रहे हैं। कम से कम अनौपचारिक रूप से?
दास ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “क्या यह आपका एकमात्र सवाल है?” गवर्नर ने फिर चुटकी लेते हुए कहा, “आइए हम मॉनेटरी पॉलिसी से जुड़े सवालों पर कायम रहें। प्लीज मॉनेटरी पॉलिसी पर अपना सवाल पूछें। नहीं तो आप एक सवाल पूछने का मौका चूक जाएंगे। इसलिए, अब आप चुनें कि आप कौन सा प्रश्न पूछना चाहते हैं। मैं पहले सवाल का भी जवाब देने के लिए तैयार हूं। लेकिन यह आपकी पसंद है।”
हंसी-मजाक के बीच, रिपोर्टर ने पहले सवाल का जवाब मांगा, जिस पर दास ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मैं आपको कोई हेडलाइन नहीं दूंगा। मुझे लगता है कि बेहतर होगा कि हम मौद्रिक नीति पर कायम रहें।”
बता दें कि पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर, 2018 में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शक्तिकांत दास को आरबीआई के शीर्ष पद के लिए नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें 2021 में एक्सटेंशन भी दिया गया था।
आरबीआई को दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान गलत कैसे हुए ?
इसके बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिपोर्टर से अपना दूसरा सवाल पूछने का आग्रह किया। हल्की-फुल्की बातचीत के बाद, रिपोर्टर ने आर्थिक सवाल किया। इसमें गवर्नर दास से पूछा गया कि दूसरी तिमाही के लिए आरबीआई का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 प्रतिशत से गिरकर 5.4 प्रतिशत क्यों हो गया है।
इस पर एमपीसी सदस्य माइकल देबब्रत पात्रा ने जवाब दिया और बताया कि ग्रोथ की चुनौतियां मांग और सप्लाई दोनों पक्षों के मुद्दों के चलते पैदा हुई हैं।