facebookmetapixel
एनालिस्ट मीट के बाद Tata Motors पर 3 ब्रोकरेज का बड़ा अपडेट! टारगेट ₹750 तक, जानें क्या है भविष्य का प्लानCable & wire stocks पर मोतीलाल ओसवाल बुलिश, ₹8,750 तक के दिए टारगेटNew Rules From October: अक्टूबर में बदल रहे हैं ये 10 बड़े नियम, जानिए आप पर कैसे होगा असरडॉनल्ड ट्रंप को ₹217 करोड़ देगा YouTube, 2021 के अकाउंट सस्पेंशन से जुड़ा है मामलाStock Market Update: सेंसेक्स 200 अंक ऊपर, निफ्टी 24,700 पार; कंज्यूमर ड्यूरबल और मेटल शेयर चमकेIND vs PAK: एशिया कप 2025 ट्रॉफी कहां है? जानें भारत को कब मिलेगीNCLAT का दिवालियापन धोखाधड़ी पर आदेश IBC की व्याख्या को उलझा सकता हैजीवीके ग्रुप उत्तराधिकारी का एआई कॉल असिस्टेंट प्लेटफॉर्म पर बड़ा दांवStocks To Watch Today: BEL, वोडाफोन आइडिया, M&M, टाटा मोटर्स समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी नजरजीएसटी का मूल सिद्धांत फेल, अगर इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम नहीं हो सरल

Q1Results: कंपनियों का मुनाफा बढ़ा, लेकिन मुख्य आय कमजोर; अन्य आय और एकमुश्त लाभ बना सहारा

Q1FY26 में कंपनियों की मुख्य आय धीमी रही, लेकिन अन्य आय और एकमुश्त लाभ से कुल शुद्ध मुनाफा 21% बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये हुआ।

Last Updated- July 20, 2025 | 10:04 PM IST
Q1 Results today
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के शुरुआती नतीजों से  अर्थव्यवस्था में कमजोर मांग का पता चलता है। इसके साथ ही यह भी संकेत मिलता है कि कंपनी जगत लाभप्रदता बढ़ाने के लिए अन्य और गैर-मुख्य आय पर अधिक निर्भर है। शुरुआती नतीजों में शामिल कंपनियों की शुद्ध बिक्री (बैंकों के मामले में सकल ब्याज आय) में वृद्धि पिछली 17 तिमाही में सबसे कम रही। आय में नरमी और कर्मचारी लागत तथा परिचालन खर्च में अपेक्षाकृत तेज वृद्धि का मुनाफे पर असर पड़ा है। 

कंपनियों की एकमुश्त अन्य आय को छोड़ दें तो वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे जारी करने वाली कंपनियों का कुल कर पूर्व लाभ पिछले साल की समान अव​धि की तुलना में 10.3 फीसदी घट गया जो महामारी के बाद की अवधि में सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि अन्य आय में तेज उछाल और संपत्ति की बिक्री से लाभ जैसे एकबारगी आमदनी से मुनाफा बढ़ा है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के मुख्य लाभ में गिरावट आई जबकि जिंस और ईंधन की कीमतों में नरमी से तिमाही के दौरान मार्जिन बढ़ा है। वित्त वर्ष 2026 की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनियों के कच्चे माल की लागत 10.1 फीसदी कम रही और एबिटा मार्जिन 130 आधार अंक बढ़कर 14 तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

नमूने में शामिल कंपनियों की कुल अन्य आमदनी, जिसमें एकमुश्त लाभ भी शामिल हैं, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 65.6 फीसदी बढ़कर लगभग 73,000 करोड़ रुपये हो गई जो तिमाही के दौरान कंपनियों के कर पूर्व लाभ का 50.3 फीसदी है। 

इस तिमाही के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक दोनों को सबसे अ​धिक अन्य आय से लाभ हुआ। रिलायंस को एशियन पेंट्स में अपनी 4.9 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से 8,924 करोड़ रुपये का एकबारगी लाभ हुआ। एचडीएफसी बैंक ने एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 9,128 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।

नतीजतन, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे घोषित करने वाली 176 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अव​धि की तुलना में 21 फीसदी बढ़कर लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले लगभग 91,371 करोड़ रुपये और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये था।

हालांकि आय वृद्धि में नरमी के कारण कंपनियों की कुल आय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महज 4.5 फीसदी बढ़ी जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अव​धि में यह 10.7 फीसदी बढ़ी थी। कंपनियों की कुल आय में वृद्धि 17 तिमाही में सबसे धीमी है। 

शुरुआती नतीजों के नमूने में बैंकों, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी सर्विसेज का दबदबा है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों की कुल शुद्ध आय में इनकी हिस्सेदारी 78 फीसदी रही।  कुल मुनाफे में इनका योगदान 88 फीसदी रहा। आय में नरमी सभी क्षेत्रों में देखी गई। बैंकों की सकल ब्याज आय सालाना आधार पर 6.2 फीसदी बढ़ी, जो 15 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है।

First Published - July 20, 2025 | 10:04 PM IST

संबंधित पोस्ट