India GDP Data: भारत की GDP का डेटा गुरुवार को जारी किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून या पहली तिमाही में भारत की जीडीपी (Q1 GDP Growth Rate) बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सर्विस सेक्टर और ज्यादा कैपिटल खर्च के चलते जीडीपी के एक साल में सबसे तेज गति दर्ज करने को उम्मीद जताई जा रही है।
जीडीपी के 7.8 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद, आज जारी होगा डेटा
अर्थशास्त्री FY24 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी के 7.8 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में रहने के साथ देश की ग्रोथ रेट के पिछली चार तिमाहियों में सबसे ज्यादा रहना का भी अनुमान जाता रहे हैं।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी का डेटा आज यानी 31 अगस्त को जारी किया जाएगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में रीपो रेट तय करने वाले पैनल ने 2023-24 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत और पहली तिमाही की वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
जीडीपी के पहली तिमाही में 5.6 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान: अर्थशास्त्री
वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सर्वे में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही की 6.1 प्रतिशत की दर को पार कर सकती है। उन्होंने भारत की जीडीपी के पहली तिमाही में 5.6 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया है।
ज्यादतर निजी एजेंसियों ने भी 30 जून को समाप्त तिमाही में जीडीपी के 7.8 से 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के इस अवधि में 8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान के अनुरूप है।
2022-23 की पहली तिमाही में 13.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी अर्थव्यवस्था
कोविड महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने से 2022-23 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में वृद्धि दर धीमी होकर 6.1 प्रतिशत रह गई।
वहीं, चालू वित्त वर्ष यानी FY24 के लिए IMF और एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने भारत की जीडीपी के 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।