वाणिज्य विभाग जनवरी में एक बड़ी बैठक आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। उस बैठक में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया सहित फोकस वाले 20 देशों में इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं सहित 6 प्रमुख उत्पाद श्रेणियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। इस मामले से अवगत दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इसके लिए इन देशों में मौजूद भारतीय मिशन से संपर्क किया गया है और राजदूतों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में उत्पाद से संबंधित अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों के अलावा वाणिज्य विभाग और वित्त मंत्रालय के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब नवंबर में वस्तुओं का निर्यात 25 साल के निचले स्तर तक लुढ़क गया। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव जारी है और पेट्रोलियम की कीमतों में गिरावट आई है। कुल मिलाकर अप्रैल से नवंबर के दौरान भारत का वस्तु निर्यात 284 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल के मुकाबले 2.1 फीसदी अधिक है।
एक सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हम निर्यात रणनीति तैयार करते हुए उन देशों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं जहां निर्यात की अधिक संभावनाएं हैं। इसके अलावा इन देशों को होने वाले निर्यात में इजाफे के लिए ठोस उपायों की भी सिफारिश की जाएगी। हम उन 6 विनिर्माण क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां हमें लगता है कि भारत के पास उत्पादन एवं निर्यात की पर्याप्त क्षमता मौजूद है।’
कुल वैश्विक आयात में इन 20 देशों की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। इसी प्रकार पहचान किए गए 6 प्रमुख उत्पादों की कुल वैश्विक आयात में दो-तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है। इंजीनियरिंग वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा फोकस वाले अन्य क्षेत्रों में रसायन एवं प्लास्टिक, फार्मास्युटिकल, कृषि एवं उससे जुड़े उत्पाद और कपड़ा शामिल हैं।
सरकार का उद्देश्य इन देशों में संतुलित व्यापार समझौतों के जरिये बाजार पहुंच को बेहतर करना और आर्थिक साझेदारी के जरिये निवेश को बढ़ावा देना है। इसके अलावा इन देशों में भारत के सामने आने वाली व्यापार से इतर बाधाओं को दूर करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उन वस्तुओं के लिए एक कार्य योजना के साथ रणनीति तैयार की जाए जहां भारत को तुलनात्मक बढ़त हासिल है।’
इसी प्रकार वाणिज्य विभाग ने भी आईटी/आईटीईएस, पर्यटन, डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं सहित 6 प्रमुख सेवा क्षेत्रों की पहचान की है जहां वृद्धि की अच्छी संभावना दिख रही है। सरकार 2030 तक 2 लाख करोड़ डॉलर के वस्तु निर्यात का लक्ष्य पहले ही निर्धारित कर चुकी है। इसमें वस्तुओं के लिए 1 लाख करोड़ डॉलर और सेवाओं के लिए भी उतने ही निर्यात का लक्ष्य शामिल है।