facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

PMI: घरेलू और विदेशी ग्राहकों की मजबूत मांग के बीच जनवरी में भारत के सेवा क्षेत्र में आया उछाल

सेवा PMI 6 माह के उच्च स्तर पर

Last Updated- February 05, 2024 | 10:03 PM IST
पहली बार होगा सर्विस सेक्टर का सर्वेक्षण, जीडीपी आधार वर्ष में संशोधन की तैयारी, साल के अंत तक आएंगे नतीजे Survey of service sector will be done for the first time, preparation for amendment in GDP base year, results will come by the end of the year

भारत का प्रमुख सेवा क्षेत्र घरेलू और विदेशी ग्राहकों की जबरदस्त मांग के कारण जनवरी में छह माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। जनवरी में सेवा क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) बढ़कर 61.8 हो गया जबकि यह दिसंबर में 59 था। यह जानकारी एसऐंडपी के एचएसबीसी की साझेदारी से सोमवार को जारी किए गए सर्वेक्षण में दी गई।

सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘बीते जुलाई के बाद नए कारोबार में इजाफा होने के कारण घरेलू और विदेशी ग्राहकों की मांग में उछाल आ गया है। बीते तीन महीनों में नए निर्यात सर्वाधिक तेजी से बढ़े।’

जनवरी में सूचकांक लगातार 30 माह तक 50 अंक से ऊपर रहा। जुलाई 2021 के बाद से ही यह लगातार 50 अंक के स्तर से ऊपर है। दरअसल, सूचकांक का 50 से ऊपर का स्तर क्षेत्र के बढ़ने का सूचक है जबकि इस स्तर से नीचे गिरावट का प्रतीक होता है।

इस सर्वेक्षण में यातायात, सूचना, संचार, वित्त, बीमा, रियल एस्टेट, गैर खुदरा उपभोक्ता और कारोबारी गतिविधियों में शामिल करीब 400 कंपनियों ने हिस्सा लिया।

सर्वेक्षण के मुताबिक कंपनियों ने कलैंडर वर्ष 2023 की शुरुआत में अपने सभी खर्चों में विस्तार के बारे में सूचना दी थी। इस क्रम में खाद्य, श्रम और माल भाड़े को चिह्नित किया गया था जिनके कारण मुख्य तौर पर लागत बढ़ी। हालांकि बिक्री के मूल्य में अपेक्षाकृत कम इजाफा हुआ।

सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘ जनवरी में खाद्य, मालभाड़े और वेतन की लागत बढ़ने के साथ ही भारत की सेवा कंपनियों के कुल खर्चे में भी वृद्धि हुई। पांच महीनों के दौरान महंगाई अपने दीर्घावधि औसत से अधिक रही। लेकिन सर्वे में शामिल ज्यादातर फर्मों ने अपनी दरों में बदलाव नहीं किया और केवल छह प्रतिशत ने अपनी दरों को बढ़ाया। बीते 11 महीनों में आउटपुट कीमत सबसे कम बढ़ी।’

एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि नए कारोबार में गतिविधियां तेजी से बढ़ीं और प्रबंधकों को भविष्य में मजबूत गतिविधियां होने का अनुमान था। उन्होंने कहा, ‘निर्यात के नए कारोबार के कारण सूचकांक तेजी से बढ़ा। यह इसका संकेत है कि भारत का सेवा क्षेत्र जबरदस्त रहा।’

आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में भारतीय सेवा प्रदाताओं के नए निर्यात ऑर्डर में वृद्धि हुई है। कंपनियों को वैश्विक ग्राहकों में खासतौर पर अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, यूरोप, यूएई और अमेरिका के ग्राहकों से लाभ का संकेत मिला।

सर्वेक्षण में कहा गया, ‘अंतिम वित्तीय तिमाही की शुरुआत में कारोबारी विश्वास में इजाफा हुआ। इसका कारण यह है कि बीते सितंबर की तुलना में सुधार हुआ है। कंपनियों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में निवेश व उत्पादकता में बढ़ोतरी से उत्पादन में वृद्धि होगी।’

First Published - February 5, 2024 | 10:03 PM IST

संबंधित पोस्ट