facebookmetapixel
PEL और PFL का विलय तय, रिकॉर्ड डेट को लेकर निवेशकों के लिए बड़ा अपडेटStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सुस्त संकेत; एशियाई बाजारों में तेजी; सोमवार को चढ़ेगा या गिरेगा बाजार ?Stocks To Buy Today: एनालिस्ट ने सुझाए ये 3 शेयर, जो आने वाले हफ्तों में दे सकते हैं भारी मुनाफाUpcoming IPO: इस हफ्ते रहेगा आईपीओ का जलवा! 19 SME और 12 मेनबोर्ड इश्यू खुलेंगेStocks To Watch Today: PNC Infratech, RailTel, Lupin समेत कई कंपनियों के स्टॉक्स पर रहेगी नजरH1-B वीजा के नए नियमों से आईटी सेक्टर में घबराहट, भारतीय पेशेवरों और छात्रों में हड़कंपडीलरों के पास 5 लाख कारों का बिना बिका स्टॉक, जीएसटी नई दरों से कारें हुईं सस्तीतिरुपुर निटवियर उद्योग को अमेरिकी ऑर्डर घटने से ₹2,000 करोड़ का नुकसान, सरकार से सहायता बढ़ाने की मांगबिज़नेस स्टैंडर्ड ‘ब्लूप्रिंट’ कार्यक्रम- दुर्लभ खनिजों का बने राष्ट्रीय भंडार: रक्षा सचिववेयरहाउसिंग कंपनियां बढ़ती लागत और स्थिर किराये के बीच बाहरी पूंजी पर हो रही हैं निर्भर

NSO ने जारी किया जीडीपी वृद्धि का फर्स्ट एडवांस इस्टीमेट, 7.3% वृद्धि दर का अनुमान

वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही थी।

Last Updated- January 05, 2024 | 11:35 PM IST

राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सभी को चकित करते हुए चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान से ज्यादा है। एनएसओ ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में निवेश आधारित सुधार के दम पर वृद्धि दर में तेजी का अनुमान लगाया है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2024 में 6.5 से 6.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है।

वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही थी। 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वृद्धि दर 7.7 फीसदी दर्ज की गई थी। एनएसओ ने आज जीडीपी वृद्धि का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है जिसमें एक अतिरिक्त महीने (अक्टूबर) के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के साथ ही नवंबर एवं दिसंबर के कुछ संकेतकों को भी आधार बनाया है। इसके आधार पर उसने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.95 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।

सरकार वित्त वर्ष 2018 से 1 फरवरी को आम बजट पेश करना शुरू किया है जबकि इससे पहले फरवरी के अंत में बजट पेश होता था। इसे देखते हुए सां​ख्यिकी विभाग भी समय से पूर्व पहला अग्रिम अनुमान जारी करने लगा है ताकि सरकार को बजट तैयार करते समय सालाना जीडीपी का अंदाज लग सके।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘हमारी राय में कृ​षि क्षेत्र के नरम परिदृश्य और आम चुनावों से पहले पंजीगत व्यय में अस्थायी नरमी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए वृद्धि दर का अनुमान थोड़ा ज्यादा है। सच तो यह है कि अक्टूबर-नवंबर 2023 के दौरान केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 8.8 फीसदी घटा है जबकि पहली छमाही में यह 43.1 फीसदी बढ़ा था।’

Also read: UN ने 2024 में 6.2 फीसदी GDP ग्रोथ रेट का जताया अनुमान, कहा- मजबूत बनी रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था

चालू वित्त वर्ष में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, जिसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में इसके 6.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, जो इसी अव​धि के लिए अनुमानित जीडीपी वृद्धि से काफी कम है।

क्षेत्रवार वृद्धि की बात करें तो कृ​षि को छोड़कर सभी क्षेत्रों में संतुलित सुधार के संकेत हैं। खरीफ की पैदावर कम रहने और रबी की धीमी बोआई को देखते हुए वित्त वर्ष 2024 में कृ​षि क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.8 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि लागत का दबाव कम होने और सूचीबद्ध फर्मों की मजबूत मुनाफा वृद्धि से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है। इसी तरह निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 10.7 फीसदी रहने का अनुमान है।

हालांकि जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान देने वाला सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में थोड़ा नरम पड़कर 7.7 फीसदी रह सकती है। वित्त वर्ष 2023 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 9.5 फीसदी रही थी। सेवा क्षेत्र के प्रमुख घटक जैसे कि व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र के 6.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। वित्तीय, रियल एस्टेट एवं पेशेवर सेवा क्षेत्र में 8.9 फीसदी और लोक प्रशासन में 7.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

व्यय की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि को निवेश से सबसे ज्यादा दम मिलेगा। चालू वित्त वर्ष में निजी खपत की वृद्धि 4.4 फीसदी जबकि सरकारी व्यय 4.1 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि सकल ​स्थिर पूंजी निर्माण वित्त वर्ष 2024 में 10.3 फीसदी बढ़ सकता है जो पिछले वित्त वर्ष में 11.4 फीसदी की दर से बढ़ा था। वै​श्विक वृद्धि कमजोर बने रहने की वजह से वास्तविक जीडीपी में निर्यात का योगदान 3 फीसदी घट सकता है।

Also read: CMIE Index के आंकड़ों में दिखा सुधार, उपभोक्ताओं का मनोबल लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंचा

केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने जीडीपी आंकड़े में नरम खपत वृद्धि को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ‘कोविड के दौर विज्त्त वर्ष 2021 को छोड़ दें तो यह बीते दो दशक में सबसे धीमी खपत वृद्धि होगी। निवेश में तेजी बनी रहने के लिए खपत वृद्धि ज्यादा रहना महत्त्वपूर्ण है। इसके साथ ही आने वाली तिमाहियों में निजी निवेश में भी उल्लेखनीय तेजी आना महत्त्वपूर्ण होगा।’

एनएसओ ने वित्त वर्ष 2024 के लिए नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 8.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जो बजट अनुमान 10.5 फीसदी से काफी कम है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि प्रमुख विभागों की बचत को समायोजित किए बिना सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को लक्ष्य तक सीमित रखना थोड़ा मु​श्किल हो सकता है।

नायर ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 के लिए एनएसओ के नॉमिनल जीडीपी अनुमान के आधार पर केंद्र का राजकोषीय घाटा 17.9 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6 फीसदी रह सकता है, जो वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान 5.9 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है।’

First Published - January 5, 2024 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट