भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2024) के दौरान प्रवासी भारतीय (एनआरआई) जमा योजनाओं में धन की आवक करीब दोगुनी होकर 10.19 अरब डॉलर हो गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 5.41 अरब डॉलर थी।
सितंबर 2024 तक एनआरआई जमा से कुल आवक 161.62 अरब डॉलर है। एनआरआई जमा योजनाओं में फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट (एफसीएनआर) जमा, नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (एनआरई) जमा और नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी (एनआरओ) जमा शामिल हैं। अप्रैल-सितंबर अवधि वित्त वर्ष की पहली छमाही होती है।
अप्रैल-सितंबर, 2024 की अवधि के दौरान सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा धन एफसीएनआर (बी) में आया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक इस अवधि के दौरान इन खातों में करीब 5.34 अरब डॉलर आए हैं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 1.92 अरब डॉलर आए थे।
एफसीएनआर (बी) खातों में जमा कुल राशि 31.08 अरब डॉलर है। एफसीएनआर (बी) खाते में ग्राहकों का भारत में सावधि जमा रहता है, इसे मुक्त रूप से विदेशी मुद्रा में बदला जा सकता है, जिसकी अवधि एक साल से लेकर पांच साल होती है। जमा की गई यह धनराशि विदेशी मुद्रा में मानी जाती है, इसलिए यह जमा की गई अवधि के दौरान मुद्रा में आए उतार चढ़ाव से सुरक्षित होती है।
बहरहाल वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के दौरान एनआरई जमा में कुल आवक 2.65 अरब डॉलर रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.61 अरब डॉलर जमा हुए थे।