केंद्र सरकार ने 9 साल पुराने नैशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल को उन्नत और आधुनिक बनाने की योजना बनाई है। दो सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मकसद लाखों युवाओं व नियोक्ताओं को एक मंच पर लाना और भविष्य के लिए कार्यबल तैयार करना है।
पोर्टल एनसीएस 2.0 के उन्नत स्वरूप पर काम कर रहे श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने पोर्टल को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल की योजना बनाई है। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारियों में से एक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इसे पेश करने में छह से नौ महीने लग सकते हैं।
इसके अलावा एनसीएस के अपग्रेडेड वर्जन में राज्यों व जिलों के लिए माइक्रो-साइट्स होंगी। दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘इससे जिले से शुरू होकर राज्य और देश तक नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी। परिणामस्वरूप आंकड़े केंद्रीकृत हो जाएंगे और ये एक पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। इससे नौकरी चाहने वालों को निर्धारित कौशल की मांग के मुताबिक स्थानीय नौकरियों की जानकारी मिल सकेगी।’
यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों, रोजगार प्रदाताओं, करियर काउंसलरों, प्लेसमेंट संगठनों, सरकारी विभागों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाएगा।
इस समय भी एनसीएस 50 से ज्यादा पोर्टलों से जुड़ा है, जिनमें एमएसएमई के लिए उद्योग पोर्टल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), ई-श्रम, टीम लीज, मोन्स्टर डॉट कॉम जैसे निजी रोजगार पोर्टल के साथ अन्य कई शामिल हैं।
इनके अलावा 22 राज्यों के जॉब पोर्टल एनसीएस के साथ जुड़े हैं और 7 राज्य सीधे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘पोर्टल का संशोधित संस्करण जॉब मैचिंग के हिसाब से प्रभावी हो सकता है, क्योंकि यह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से संचालित होगा। एनसीएस 2.0 के लिए प्रस्ताव अनुरोध (आरएफपी) जारी कर दिया गया है।’वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान एनसीएस के माध्यम से 1 करोड़ से ज्यादा रिक्तियां लाई गईं, जो इसके पहले के वित्त वर्ष के 35 लाख की तुलना में अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में इस पोर्टल पर 25 से 26 लाख नियोक्ता मौजूद थे।
मार्च महीने के एनसीएस के न्यूज लेटर के मुताबिक, ‘नौकरियों की रिक्तियों में बढ़ोतरी से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में मजबूती है और यह वैश्विक महामारी की चुनौतियों से धीरे-धीरे उबर रही है। उद्योगों ने नए मानक स्वीकार कर लिए हैं और डिजिटल बदलाव को अपना रहे हैं। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर सामने आ रहे हैं, जिसमें तकनीक और स्वास्थ्य देखभाल से लेकर विनिर्माण व आतिथ्य शामिल हैं।’
टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक ऋतुपर्ण चक्रवर्ती ने कहा कि एक दशक पहले एनसीएस पोर्टल भर्ती करने वालों के लिए शानदार जगह थी, अब वक्त व तकनीक बदलने के साथ भर्ती करने वाले अपनी भर्ती प्रक्रिया में उत्पादकता और कुशलता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे एनसीएस ने अपनी उपयोगिता थोड़ी गंवा दी है।
उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में जब आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकें भर्ती के क्षेत्र में नए रास्ते तैयार कर रही हैं, एनसीएस पोर्टल ने थोड़ी जगह गंवा दी है। श्रम बाजार की जरूरत के मुताबिक इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। यह स्वागत योग्य कदम है कि सरकार अब पोर्टल को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है। हालांकि यह ध्यान रखने की जरूरत है कि भर्ती काफी गतिशील प्रक्रिया है और इसके लिए जरूरी है कि पोर्टल इन बदलावों से तालमेल बनाता रहे, जिससे भर्ती करने वाले इसका उपयोग जारी रख सकें।’