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Mineral Auction: पहली अपतटीय खनिज नीलामी से पहले केंद्र ने पेश कीं नई रॉयल्टी दरें, निर्माण और अन्य उद्योगों को मिलेगा लाभ

इन खनिजों में अपतटीय खनन के माध्यम से निकाले जाने को प्रस्तावित प्रमुख खनिज शामिल हैं। डोलोमाइट की रॉयल्टी दर में भी संशोधन किया गया है।

Last Updated- November 04, 2024 | 10:20 PM IST
offshore mineral auction

पहली अपतटीय खनिज नीलामी से पहले केंद्र सरकार ने निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत, पॉलिमेटेलिक नोड्यूल्स और ओवरबर्डन या अपशिष्ट के लिए रॉयल्टी दरें प्रस्तुत की हैं। इन खनिजों में अपतटीय खनन के माध्यम से निकाले जाने को प्रस्तावित प्रमुख खनिज शामिल हैं। डोलोमाइट की रॉयल्टी दर में भी संशोधन किया गया है। यह ऐसे समय में हुआ है, जब केंद्र सरकार आने वाले महीनों में 20 ब्लॉकों की नीलामी की तैयारी कर रही है।

ऑफशोर एरियाज मिनरल (नियमन एवं विकास) ऐक्ट, 2002 के तहत परिभाषित रॉयल्टी दरें शुरुआत में कुछ प्रमुख धातुओं तक सीमत थीं, जिनमें ब्राउन इल्मेनाइट (ल्यूकोक्सीन), इल्मेनाइट, रूटाइल, जिरकॉन, डोलोमाइट, गार्नेट, सोना, चूना पत्थर, लाइम मड, मैगनीज अयस्क, मोनाजाइट, सिलिमेनाइट और चांदी शामिल थे।

अपतटीय खनन के लिए उपलब्ध खनिजों की नई सूची के साथ सरकार ने बढ़ती बाजार मांग पूरी करने और संसाधनों के वाणिज्यिक मूल्य को ध्यान में रखते हुए रॉयल्टी दरों में बदलाव किया है। प्रस्ताव के मुताबिक कंस्ट्रक्शन में काम आने वाली रेत पर 40 रुपये प्रति टन रॉयल्टी लगेगी, जबकि पॉलिमेटलिक नोड्यूल्स और क्रस्ट्स पर औसत बिक्री मूल्य का 3 प्रतिशत कर लगेगा, जो उस समय की कीमत के मुताबिक तय किया जाएगा। ओवरबर्डेन या अपशिष्ट सामग्री प्रायः खनिज ढूंढने में निकलता है, जिस पर 10 रुपये प्रति टन रॉयल्टी होगी।

इसके अलावा सरकार ने डोलोमाइट और चूना पत्थर व लाइम मड की रॉयल्टी मौजूदा 40 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये प्रति टन करने का प्रस्ताव किया है। अधिनियम में प्रमुख खनिजों का यथामूल्य रॉयल्टी दरें तय की गई हैं, जिसका मतलब है कि दरें खनिजों की बिक्री मूल्य के आधार पर होंगी, न कि मात्रा के आधार पर।

इसके साथ ही पॉलिमेटलिक नोड्यूल्स, ब्राउन इल्मेनाइट (ल्यूकोक्सीन), इल्मेनाइट, रूटाइल, जिरकोन जैसे संसाधनों पर रॉयल्टी औसत बिक्री मूल्य का 2 प्रतिशत तय की गई है। गार्नेट और मैगनीज अयस्क पर औसत बिक्री मूल्य का 3 प्रतिशत रॉयल्टी भुगतान करना होगा जबकि सिलिमेनाइट पर बिक्री मूल्य का ढाई प्रतिशत कर देना होगा। जिन खनिजों को चिह्नित नहीं किया गया है, उन पर मानक रॉयल्टी दर बिक्री मूल्य का 10 प्रतिशत तय की गई है।

सोने पर रॉयल्टी दर लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मूल्य का डेढ़ प्रतिशत होगी। वहीं मोनोजाइट पर प्रति टन 125 रुपये रॉयल्टी भुगतान करना होगा। सिलिमेनाइट पर बिक्री मूल्य का ढाई प्रतिशत रॉयल्टी भुगतान करना होगा। वहीं चांदी पर लंदन मेटल एक्सचेंज मूल्य के 5 प्रतिशत के बराबर रॉयल्टी देनी होगी।

अपतटीय खनिज संसाधनों में व्यापक विविधता है। इनमें से प्रत्येक का कंस्ट्रक्शन से लेकर उच्च तकनीक विनिर्माण तक के उद्योगों में अलग-अलग इस्तेमाल होता है। कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाली रेत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अनिवार्य है, जो समुद्र के किनारे जमा होती है। डोलोमाइट का इस्तेमाल स्टील बनाने में और भवन सामग्री में होता है।

First Published - November 4, 2024 | 10:20 PM IST

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