कोविड-19 के प्रतिबंधों में ढील के बाद मांग बढऩे की वजह से सितंबर में विनिर्माण गतिविधियां तेज हुई हैं। हालांकि कच्चे माल के भंडारण और ईंधन की लागत बढऩे के कारण कीमतों को लेकर दबाव बढ़ा है।
आईएचएस मार्किट का विनिर्माण का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 53.7 पर पहुंच गया, जो अगस्त में 52.3 था। इससे कुल मिलाकर कारोबार की स्थिति में मजबूत विस्तार का संकेत मिलता है।
पीएमआई की रीडिंग 50 से ऊपर रहने से विस्तार और इससे कम रहने से संकुचन का संकेत मिलता है। जुलाई में पीएमआई 55.3 पर था।
आईएचएस मार्किट में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा, भारत के विनिर्माताओं ने सितंबर महीने में उत्पादन ज्यादा तेज किया है क्योंकि मांग में सुधार के कारण स्टॉक बढ़ाने के लिए तैयार हो रहे हैं। नए काम में उल्लेखनीय तेजी आई है, जिसमें कुछ अंशदान अंतरराष्ट्रीय बाजारों का भी है।
सितंबर महीने में वृद्धि को मजबूत नए ऑर्डरों से समर्थन मिला है और कंपनियों ने बढ़ी बिक्री को पूरा करने के लिए इनपुट खरीद बढ़ाई है और उत्पादन बढ़ा है। कच्चे माल की खरीद में तेजी से भी पता चलता है कि आगामी महीनों में उत्पादन बढ़ेगा।
सितंबर महीने में भारतीय वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय मांग भी तेज रही है, हालांकि कुछ फर्मों ने पाया कि महामारी की वजह से अंतराष्ट्रीय बिक्री बाधित हो रही है। सर्वे से पता चलता है कि नए निर्यात ऑर्डर अगस्त महीने की तुलना में तेजी से बढ़े हैं।
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार में थोड़ा बदलाव आया है क्योंकि सरकार द्वारा शिफ्ट में कराए जाने के दिशानिर्देश दिए जाने के कारण फर्में भर्तियां नहीं कर रही हैं।
पहले के दो महीनों में महंगाई काबू में रहने के बाद सितंबर में महंगाई का दबाव तेज हुआ है। मजबूत मांग और ईंधन के बढ़ते दाम और ढुलाई लागत बढऩे से कच्चे माल की लागत बढ़ी है।
