चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में विनिर्माण क्षेत्र में जोरदार वृद्धि नजर आने के एक दिन बाद पीएमआई के अगस्त के विनिर्माण के आंकड़ों में सुस्ती नजर आ रही है। आईएचएस मार्किट पर्चेर्जिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) से पता चलता है कि कोविड के कारण लगाए गए प्रतिबंध और इनपुट लागत बढऩे की वजह से फैक्टरी गतिविधियों ने गति गंवा दी है।
विनिर्माण सूचकांक अगस्त में 52.3 पर रहा, जो जुलाई में 55.3 पर था। इसकी वजह से कंपनियों को भर्तियां रोकनी पड़ीं। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाता है। जून में पीएमआई 48.1 था।
अगस्त महीने में रोजगार का स्तर व्यापक रूप से स्थिर रहा क्योंकि कंपनियों के पास पर्याप्त कार्यबल था, जिससे वे अपनी मौजूदा जरूरतें पूरी कर सकती थीं और आत्मविश्वास कम था। इसकी वजह से भर्तियों पर लगाम लग गई। आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘वृद्धि के हिसाब से अनिश्चितता रही और अतिरिक्त क्षमता और व्यय में कमी की कवायद के कारण अगस्त में भर्तियों में विराम लग गया, जो जुलाई में 16 महीनों बाद बढ़ा था।’
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ो से पता चलता है कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 49.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 36 प्रतिशत संकुचन आया था। पीएमआई पिछले साल की गतिविधियों से प्रभावित नहीं होता है, क्योंकि यह मासिक गतिविधि है।
पीएमआई सर्वे से जुड़ी एक प्रतिक्रिया में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण मांग और फर्मों के वित्त पर असर पड़ा है, जिसकी वजह से कारोबारी भरोसा बिगड़ा है। बहरहाल ऑर्डर बुक अभी बढ़ रहा है और व्यापार में आशावादी वृद्धि के अनुमान आ रहे हैं, स्टॉक बनाने की कवायदें जारी हैं और अतिरिक्त सामग्री खरीदी जा रही है। कुछ फर्मों ने कहा है कि बाजार की अनुकूल स्थिति और सकारात्मक विज्ञापन की वजह से उनके सामान की मांग बढ़ी है। अन्य ने कहा कि महामाही के कारण बिक्री गिरी है।