खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार चिंतित दिख रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार उन आवश्यक वस्तुओं की सूची में 16 नई वस्तुओं को शामिल करने की तैयारी कर रही है जिनकी कीमतों पर नजर रखी जाती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अगर ऐसा हुआ तो मूल्य निगरानी वाली वस्तुओं की संख्या बढ़कर 38 हो जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2024 के घोषणा पत्र में कहा था कि गरीब परिवारों के लिए अपनी गारंटी के तहत वह ‘गरीब की थाली’ की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों का विस्तार करेगी। पार्टी ने कहा था कि सरकार अपने 100 दिन के एजेंडे के तहत उन वस्तुओं की सूची का विस्तार करेगी जिनकी कीमतों पर नजर रखी जाती है। फिलहाल इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है।
सूत्रों ने बताया कि सब्जियों की कीमतों में सबसे अधिक उतार-चढ़ाव दिखता है। इसलिए मूल्य निगरानी वाली 16 नई संभावित वस्तुओं सब्जियों को शामिल किया जा सकता है। आवश्यक वस्तुओं की खुदरा एवं थोक कीमतों पर नजर रखने से सरकार को उसमें उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से समझने और आवश्यक उपाय करने में मदद मिलेगी।
फिलहाल सरकार 22 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतर-चढ़ाव पर नजर रखती है ताकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर उनके प्रभाव का आकलन किया जा सके। देश भर के 167 केंद्रों से इन 22 वस्तुओं की थोक एवं खुदरा कीमतें रोजाना एकत्र की जाती हैं।
हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भीषण गर्मी और सूखे की स्थिति के कारण खाद्य वस्तुओं और खास तौर पर फल-सब्जियों की कीमतों पर दबाव बढ़ने के लिए चिंता जताई थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, ‘रबी सीजन में दाल और सब्जियों की आवक पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है।’
खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने हाल के समय में कई उपायों की घोषणा की है। इसी क्रम में अनाज के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई और शून्य शुल्क पर दलहन एवं खाद्य तेलों के आयात की अनुमति दी गई है।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को एकत्रित करते हुए उनका विश्लेषण किया जाता है ताकि उसके आधार पर उचित हस्तक्षेप किया जा सके। इन हस्तक्षेपों को मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) अथवा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) जैसी योजनाओं के जरिये को आगे बढ़ाया जाता है। फिलहाल मूल्य स्थिरीकरण कोष का संचालन उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा किया जाता है जबकि मूल्य समर्थन योजना कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।
बहरहाल, जिन 22 वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखी जाती है, उनमें चावल, गेहूं, चीनी, गुड़, नमक, दूध, चाय, आलू, प्याज, टमाटर, चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, मूंगफली तेल, सरसों तेल, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम ऑयल और वनस्पति घी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार दलहन और प्याज जैसी वस्तुओं के दाम ऊपर-नीचे होने पर चरणबद्ध प्रतिक्रिया के लिए बेहतर नीति लाने की भी तैयारी कर रही है।
सूत्रों ने कहा कि प्याज के भंडारण के लिए बुनियादी ढांचे को बेहतर करना भी नए मंत्री की प्रमुख प्राथमिकता होगी ताकि भंडारण में नुकसान को कम करने में मदद मिल सके।