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फेम-3 में शामिल हों ई-ट्रक

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मंत्रालय ई-ट्रकों की दिशा में कई पहलों का नेतृत्त्व कर रहा है, जिसमें आगामी फेम-3 योजना के तहत संभावित प्रोत्साहन भी शामिल है।’

Last Updated- August 23, 2024 | 6:55 AM IST
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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) कार्यालय द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना के तीसरे चरण में इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रक) को शामिल करने की वकालत की गई है। ‘भारत जीरो एमिशन ट्रकिंग (जेडईटी) पॉलिसी एडवाइजरी’ नाम की रिपोर्ट में भारत के ट्रक क्षेत्र को शून्य उत्सर्जन वाले वाहन की ओर ले जाने की समग्र योजना बताई गई है। इसमें 2050 तक 100 फीसदी शून्य उत्सर्जन वाले ट्रकों की बिक्री का खाका तैयार किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी उद्योग मंत्रालय ई-ट्रक के मामले में कुछ पहल कर रहा है। इसमें आगामी फेम-3 योजना के तहत संभावित रूप से प्रोत्साहन दिया जाना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मंत्रालय ई-ट्रकों की दिशा में कई पहलों का नेतृत्त्व कर रहा है, जिसमें आगामी फेम-3 योजना के तहत संभावित प्रोत्साहन भी शामिल है।’

बिजनेस स्टैंडर्ड ने जनवरी में 100 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट के साथ योजना में ई-ट्रकों को शामिल किए जाने की संभावना को लेकर खबर दी थी। इस प्रोत्साहन का लक्ष्य खनन, स्टील और सीमेंट जैसे उद्योगों में काम करने वाले भारी वाणिज्यिक वाहनों (एचसीवी) को सहयोग प्रदान करना है, जिससे डीजल से चलने वाले एचसीवी को हटाया जा सके, जो भारी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं।

भारत जेडईटी नीति परामर्श दस्तावेज जेडईटी की भारत में स्वीकार्यता को गति देने का एक समग्र दस्तावेज है। इसमें 5 प्रमुख क्षेत्रों में 30 रणनीतिक हस्तक्षेपों का ब्योरा दिया गया है।

योजना में जेडईटी को खरीदारों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देना, बाजार संबंधी स्पष्टता के लिए संशोधित विनियामक ढांचा तैयार करना और टैक्स क्रेडिट व नवोन्मेषी सर्विस मॉडलों के माध्यम से शून्य उत्सर्जन वाले ईंधन भरने का बुनियादी ढांचा विकसित करना शामिल है। इसमें धन मुहैया कराने संबंधी समाधान का भी खाका है, जिसमें कम ब्याज पर कर्ज और ऋण के विविध विकल्प शामिल हैं, जिससे जेडईटी को ज्यादा वहनीय बनाया जा सके। साथ ही हिस्सेदार केंद्रित पहल को बढ़ावा मिल सके।

First Published - August 23, 2024 | 6:55 AM IST

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