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Rice Export: प्रतिबंधों के बावजूद 2024 में भारत का चावल निर्यात स्थिर, बासमती में रिकॉर्ड वृद्धि

2024 में भारत ने 178 लाख टन चावल का निर्यात किया। बासमती निर्यात 16.3% बढ़ा, जबकि गैर-बासमती में 6.9% की गिरावट। सऊदी अरब, इराक और यूएई ने प्रीमियम बासमती की मांग बढ़ाई।

Last Updated- January 22, 2025 | 11:20 PM IST
Basmati rice stuck in Iran-Israel war, 1.5 lakh tonnes of goods stuck at ports: Prices fell by 12%

प्रतिबंधों के बावजूद 2024 में भारत का चावल निर्यात स्थिर रहा है। सरकार और उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि प्रीमियम बासमती चावल का रिकॉर्ड निर्यात हुआ है, जिसकी वजह से गैर बासमती चावल की विदेश में बिक्री में आई कमी की भरपाई हो गई है। विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत से निर्यात जारी रहने से चावल की वैश्विक कीमतें कम करने में मदद मिल सकती है और इससे अत्यधिक उत्पादन के बाद भारत को अपना स्टॉक घटाने में मदद मिलेगी।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘प्रतिबंध हटाए जाने के बाद दिसंबर तिमाही में निर्यात बढ़ा है और इससे इस साल की पहली छमाही में आई गिरावट की भरपाई हो गई है।’ अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार नहीं है।

सितंबर और अक्टूबर 2024 में भारत करीब सभी प्रतिबंध खत्म कर दिए, जो गैर बासमती और प्रीमियम बासमती के निर्यात पर जुलाई और अगस्त 2023 में लगाए गए थे। अधिकारी ने कहा कि 2024 में देश का चावल निर्यात 178 लाख टन रहा है, जो एक साल पहले के 178.6 लाख टन की तुलना में थोड़ा कम है।

2024 में बासमती चावल का निर्यात 16.3 प्रतिशत बढ़कर 57 लाख टन हो गया है, क्योंकि सऊदी अरब, ईराक और संयुक्त अरब अमीरात ने कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद खरीद बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि गैर बासमती चावल का निर्यात 6.9 प्रतिशत कम होकर 121 लाख टन हो गया है। दाम अधिक होने के कारण बांग्लादेश, कैमरून, जिबूती और जांबिया ने खरीद घटा दी।

भारत के बाद सबसे ज्यादा चावल निर्यात थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान व अमेरिका करते हैं। मगर ये चारों मिलकर भी भारत जितना चावल निर्यात नहीं कर पाते हैं। कोलकाता के एक चावल निर्यातक ने कहा, ‘हम 2024 में चावल निर्यात में 20 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दिसंबर तिमाही में भारी मांग ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया। कुल मिलाकर 2024 में निर्यात स्थिर रहा और यह 2025 में आगे और बढ़ेगा।’

First Published - January 22, 2025 | 11:18 PM IST

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