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कमजोर बनी हुई है भारत की राजकोषीय स्थिति : मूडीज

Last Updated- December 12, 2022 | 7:47 AM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज कहा कि भारत की राजकोषीय स्थिति 2021 में कमजोर बनी रहेगी, जिसे कर्ज को लेकर चुनौतियां रहेंगी। सरकार के राजस्व बढ़ाने के कदमों को लागू करने के मिले जुले रिकॉर्ड को देखते हुए वित्तीय समेकन भी कमजोर बने रहने की संभावना है।
बहरहाल इक्रा ने कहा है कि कि 31 मार्च 2022 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। एजेंसी ने केंद्र सरकार द्वारा खर्च बढ़ाए जाने और असमान्य ही सही, खपत में तेजी को देखते हुए यह संभावना जताई है।
कुल मिलाकर इक्रा ने अनुमान लगाया है कि महामारी घटने के साथ वित्त वर्ष 22 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 10.5 प्रतिशत और नॉमिनल जीडीपी 14.5 प्रतिशत बढ़ेगा।
मूडीज ने कहा है कि केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में राजकोषीय घाटा अनुमान की तुलना में कम रहेगा। वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में राजस्व सृजन मजबूत रहने और वित्त वर्ष 22 में ज्यादा नॉमिनल जीडीपी वृद्धि  को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है।
मूडीज के एसोसिएट मैनेजिंग डायरेक्टर जेने फैंग ने कहा कि मध्यावधि के हिसाब से ज्यादा राजकोषीय घाटे के साथ कम वास्तविक और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि सरकार के लिए कर्ज का बोझ कम करने की क्षमता में बाधा बनी रहेगी।
वित्तीय समेकन का हवाला देते हुए मूडीज ने कहा कि सरकार ने मध्यावधि राजकोषीय समेकन का खाका उपलब्ध नहीं कराया है। लेकिन बजट  (2021-22 के) के मुताबिक सरकार ने वित्त वर्ष 26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है। इससे 4 वर्षों तक औसतन सालाना घाटा करीब 0.5 प्रतिशत कम करने के संकेत मिलते हैं।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत के बहुत ज्यादा कर्ज के बोझ और धीरे धीरे समेकन को देखते हुए मध्यावधि के हिसाब से सरकार की राजकोषीय स्थिति मजबूत होने की संभावना नजर नहीं आती है। यह परिदृश्य तब अलग हो सकता है, जब नॉमिनल जीडीपी वृद्धि सतत रूप से बढ़े और यह ऐसिहासिक रिकॉर्ड वाली तरह से ऊपर पहुंच जाए।

आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा
मूडीज ने आज अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 10.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 13.7 प्रतिशत कर दिया। आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने और कोविड- 19 का टीका बाजार में आने के बाद बाजार में बढ़ते विश्वास को देखते हुए यह नया अनुमान लगाया गया है। एजेंसी ने इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में आने वाली गिरावट के अनुमान को भी अपने पहले के 10.6 प्रतिशत में सुधार लाते हुए इसे 7 प्रतिशत कर दिया। यानी अब चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की गिरावट सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के एसोसिएट मैनेजिंग डायरेक्टर जेने फेंग ने कहा, हमारा वर्तमान अनुमान यह है कि मौजूदा मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत की गिरावट रहेगी। भाषा

First Published - February 25, 2021 | 11:38 PM IST

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