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JP Morgan के सूचकांक में भारत, FPI के लिए बॉन्ड बाजार होगा ज्यादा आकर्षक!

JP Morgan के जीबीआई-ईएम में जून 2024 को शामिल होंगे सरकारी बॉन्ड

Last Updated- September 22, 2023 | 10:22 PM IST
JP Morgan becomes super bullish on the growth of Indian economy, gives big forecast for the next seven years

जेपी मॉर्गन ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए जाने वाले सरकारी बॉन्डों को अपने उभरते बाजार के सरकारी बॉन्ड सूचकांक (जीबीआई-ईएम) में शामिल करने का आज निर्णय किया। यह प्रक्रिया अगले साल जून से शुरू होगी। जेपी मॉर्गन के वै​श्विक बॉन्ड सूचकांक में भारत के शामिल होने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए बॉन्ड बाजार ज्यादा आकर्षक हो जाएगा।

जेपी मॉर्गन ने 2023 की सूचकांक संचालन समीक्षा के बाद कहा, ‘भारत को जीबीआई-ईएम वै​श्विक सूचकांकों और सभी प्रासंगिक डेरिवेटिव बेंचमार्कों (कस्टम सूचकांक सहित) में 28 जून, 2024 से शामिल किया जाएगा।’ इसके लिए कर में कुछ छूट की मांग की गई थी मगर सरकार ने सूचकांक में शामिल होने के लिए विदेशी निवेशकों को कोई छूट नहीं दी है। सूचकांक में शामिल होने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से 10 महीने में पूरी होगी और 31 मार्च, 2025 तक हर महीने 1 फीसदी भारांश जोड़ा जाएगा। इस तरह भारतीय बॉन्ड का भारांश भी चीन की तरह 10 फीसदी हो जाएगा।

जेपी मॉर्गन के इस सूचकांक में 236 अरब डॉलर की परिसंप​त्तियों का प्रबंधन किया जाता है। ऐसे में इस अव​धि के दौरान भारत में 23.6 अरब डॉलर की पूंजी आने का अनुमान है।

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गोल्डमैन सैक्स ने एक नोट में कहा है, ‘हमारा अनुमान है कि जेपी के वै​श्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल होने से भारत में करीब 30 अरब डॉलर का पैसिव निवेश आएगा। बेहतर रिटर्न और कम वॉल्यूम के लिहाज से भारत के सरकारी बॉन्ड आकर्षक हैं, ऐसे में इससे देश में कम से कम 10 अरब डॉलर का ए​क्टिव निवेश भी आ सकता है।’

वै​श्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल होने से सरकार और निजी क्षेत्र के लिए उधारी की लागत भी कम होगी। विदेशी निवेशक अपनी मुद्रा का विनिमय रुपये में करेंगे, जिससे रुपये में मजबूती आएगी।

जेपी मॉर्गन ने कहा कि सरकार द्वारा 2020 में पूर्ण सुलभ रूट (एफएआर) लागू किए जाने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के लिहाज से बाजार में व्यापक सुधार किए जाने बाद 2021 से ही भारत को सूचकांक में शामिल करने पर विचार किया जा रहा था। शर्तों के मुताबिक पात्र बॉन्डों का अनुमानित बकाया 1 अरब डॉलर से अधिक और परिपक्वता अव​धि कम से कम 2.5 साल होनी चाहिए।

28 जून, 2024 से केवल 31 दिसंबर, 2016 के बाद परिपक्व होने वाले भारतीय सरकारी बॉन्ड ही इसके लिए पात्र होंगे। रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 में एफएआर की शुरुआत की थी। इसके तहत विदेशी निवेशकों को बिना किसी पाबंदी के बॉन्ड में निवेश की अनुमति दी गई थी। वर्तमान में 330 अरब डॉलर के 23 एफएआर बॉन्ड सूचकांक में शामिल होने के पात्र हैं। भारत जेपी मॉर्गन के अन्य बॉन्ड सूचकांकों- जेड वै​श्विक डेरिवेटिव, जेईएसजी जीबीआईईएम सूचकांक में भी शामिल होने की उम्मीद कर रहा है।

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वै​श्विक सूचकांक में शामिल करने की सराहना

वै​श्विक सूचकांक में भारतीय सरकारी बॉन्डों को शामिल करने से राजकोषीय विवेक की झलक मिलती है। यह बात वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कराधान या नियामकीय नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया है। जेपी मॉर्गन अपने उभरते बाजार सूचकांक में भारतीय सरकारी बॉन्डों को 10 फीसदी भारांश तक शामिल करेगा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जेपी मॉर्गन के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इससे डेट फंड तक देश की पहुंच बेहतर होगी।

First Published - September 22, 2023 | 10:22 PM IST

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