भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि दोनों देशों को एक ऐसी डील की जरूरत है, जो भारत की ‘रेड लाइन्स’ का सम्मान करे। दिल्ली में कौटिल्य इकोनॉमिक एन्क्लेव में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बातें कही। जयशंकर ने माना कि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दे हैं। इनका बड़ा कारण व्यापार समझौते पर सहमति न बन पाना है।
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। इसलिए भारत के लिए उसके साथ व्यापार समझौता जरूरी है। लेकिन इस डील में भारत की अहम शर्तों को मानना होगा। उन्होंने साफ किया कि कुछ चीजों पर समझौता हो सकता है, लेकिन कुछ पर बिल्कुल नहीं। भारत इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट रखता है। मार्च से दोनों देश इस ‘लैंडिंग ग्राउंड’ को तलाशने में जुटे हैं।
भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल ही में तनाव बढ़ा है। इसका कारण अमेरिका का भारत पर भारी टैरिफ लगाना है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय सामानों पर टैरिफ को दोगुना कर 50 फीसदी कर दिया। इसमें 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से लगाया गया। भारत ने इस कदम को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेवजह’ बताया है। जयशंकर ने कहा कि कुछ अन्य देश भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। उनमें से कुछ के रूस के साथ भारत से ज्यादा तनावपूर्ण रिश्ते हैं। फिर भी भारत को निशाना बनाना ठीक नहीं है।
जयशंकर ने ये भी कहा कि रिश्तों में तनाव का असर हर क्षेत्र पर नहीं पड़ा है। कई मामलों में दोनों देशों का सहयोग पहले की तरह चल रहा है। कुछ क्षेत्रों में तो यह पहले से भी बेहतर हुआ है। हाल ही में कुछ हफ्तों के ब्रेक के बाद दोनों देशों ने व्यापार समझौते पर बातचीत फिर शुरू की है। जयशंकर ने भरोसा जताया कि इन मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है।