केंद्र सरकार शिपिंग क्षेत्र के लिए भारत को हरित हाइड्रोजन, अमोनिया और मेथनॉल ईंधन भरने का केंद्र बनाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय बिजली नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत सस्ती दर पर ये हरित ईंधन मुहैया कराएगा।
एनटीपीसी द्वारा हरित हाइड्रोजन पर आयोजित एक सेमीनार में सिंह ने कहा ‘अगले 10 साल में शिपिंग क्षेत्र हरित हो जाएगा, इसलिए हमें इसके लिए तैयार होना होगा। हमें सभी ग्रीन शिप में ईंधन भरने के केंद्र के रूप में उभरना है। यह हमारी महत्त्वाकांक्षा है। साथ ही उन्हें सस्ती दरों पर हरित हाइड्रोजन, अमोनिया और मेथनॉल उपलब्ध कराना है।’सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार हरित हाइड्रोजन और हरित अमेनिया के भंडारण के लिए प्रायोगिक परियोजना तैयार कर रही है, जिससे कभी भी अक्षय ऊर्जा उपलब्ध हो सके।
मंत्री ने कहा, ‘हरित हाइड्रोजन या अमोनिया भंडारण के माध्यम से हमें चौबीस घंटे अक्षय ऊर्जा उपलब्ध कराने में सक्षम होना होगा, जिसकी दरें 4.25 से 5.50 रुपये होगी। कई कंपनियों ने पहले ही टर्बाइन बना लिए है, जहां हरित हाइड्रोडन या अमोनिया इस्तेमाल हो सकेगा। प्रायोगिक परियोजना के बाद अब बड़े पैमाने पर ऐसा करने पर ध्यान है।’
इंटरनैशनल सोलर अलायंस (आईएसए) ने ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर (जीएचआईसी) स्थापित करने की घोषणा की है। इसका मकसद हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और व्यापार को बढ़ावा देना है।