भारत और ब्रिटेन के बीच 12वें दौर की व्यापार वार्ता कुछ दिन बाद होने वाली है। दोनों देश दो प्रमुख मसलों उत्पत्ति के नियम (आरओओ), बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और निवेश समझौते को लेकर आम सहमति की उम्मीद कर रहे हैं। यह दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में प्रस्तावित है।
इस समय बातचीत अहम दौर में है और अगले दौर की बातचीत अगस्त के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। उत्पत्ति के नियम के अध्याय को लेकर सैद्धांतिक सहमति है। हालांकि इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने शुक्रवार को कहा कि अभी इसकी रूपरेखा पर काम होना बाकी है।
उन्होंने कहा, ‘आरओओ के मसले पर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार काम कर रहे हैं। हम उत्पाद विशेष के हिसाब से नियम बनाने पर काम कर रहे हैं। हर उत्पाद के लिए विशेष नियम होगा, चाहे वह मूल्यवर्धन हो या शुल्क के मद में बदलाव का मसला।’
वाहन और व्हिस्की को लेकर भी आम सहमति
किसी भी एफटीए में उत्पत्ति के नियम निर्धारित करते हैं कि कौन सी वस्तु मुक्त आयात के योग्य है इसमें किसी उत्पाद को उस देश के माध्यम से लाने से रोका जाता है, जो किसी तीसरे देश से भारत आ रहा हो।
वस्तुओं के अध्याय में वाहन और व्हिस्की को लेकर भी आम सहमति है। व्हिस्की और वाहन के आयात पर लगने वाले शुल्क में उल्लेखनीय कटौती ब्रिटेन की मुख्य मांग है। हालांकि उस अधिकारी ने यह भी कहा कि इन वस्तुओं पर व्यापक सहमति के बावजूद जब तक सभी पर सहमति नहीं बन जाती कोई सहमति नहीं हो पाएगी।
26 नीतिगत क्षेत्र में से 19 पर बातचीत पूरी
इस वार्ता में 26 नीतिगत क्षेत्र या अध्याय हैं, जिनमें से 19 पर बातचीत पूरी हो गई है। दोनों पक्ष व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के बहुत निकट हैं और इस साल ही समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम लोग समझौते के बहुत नजदीक हैं और जल्द से जल्द बातचीत पूरी करने की कवायद कर रहे हैं।’ इस बातचीत में तब तेजी आई, जब उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री और वाणिज्य सचिव ने लंदन यात्रा की और इस माह की शुरुआत में प्रस्तावित समझौते पर चल रही बातचीत की प्रगति पर लंबी चर्चा की।
दोनों देश एक अलग समझौते के रूप में निवेश समझौते (द्विपक्षीय निवेश समझौता) पर हस्ताक्षर करने पर भी विचार कर रहे हैं और यह व्यापार समझौते के साथ साथ पूरा होगा। जिन विवादास्पद मसलों को लेकर ब्रिटेन असहज नजर आ रहा है, उनमें से एक भारत की मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के तहत स्थानीय उपचार खंड को समाप्त किया जाना है, जिसे भारत ने 7 साल पहले अपनाया था।
दीवाली/अक्टूबर तक बातचीत पूरी करने का था लक्ष्य
एक अन्य मसला, जो विदेशी निवेशकों को परेशान करता है, वह उद्यम आधारित संपत्ति से बीआईटी सुरक्षा के लिए पात्रता प्राप्त करने हेतु आवश्यक निवेश की परिभाषा को संकुचित करना है।
दोनों देशों ने जनवरी 2022 में औपचारिक बातचीत की शुरुआत की थी और दीवाली/अक्टूबर तक बातचीत पूरी करने का लक्ष्य रखा था। दोनों पक्ष निर्धारित तिथि चूक गए क्योंकि कुछ वस्तुओं व सेवाओं को व्यापार तक व्यापक पहुंच देने को लेकर मतभेद नहीं सुलझ सके।
ब्रिटेन इस समय भारत का 15वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिससे वित्त वर्ष 23 में 20.36 अरब डॉलर का कारोबार हुआ।