अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए एक बड़ी खबर आई है। साल 2024 के पहले महीने यानी जनवरी में भारत का औद्योगिक उत्पादन (IIP) पिछले साल के मुकाबले 2 फीसदी घटकर 3.8 फीसदी हो गया है। यह जानकारी NSO ने आज दी।
हालांकि मासिक आधार पर (MoM) देखा जाए तो दिसंबर 2023 के मुकाबले इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। दिसंबर 2023 में भी यह 3.8 फीसदी पर ही था। गौरतलब है कि पिछले साल की समान अवधि यानी जनवरी 2023 में यह 5.8 फीसदी था। बता दें कि IIP वह डेटा होता है जिसके जरिये औद्योगिक उत्पादन मापा जाता है।
NSO के डेटा से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी गिरावट आई है। पिछले साल जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ऑउटपुट 4.5 फीसदी था, जो जनवरी 2024 में घटकर 3.2 फीसदी हो गया है। मासिक आधार पर देखें तो दिसंबर 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 3.9 फीसदी बढ़ा था। इस लिहाज से मैन्युफैक्चरिंग में मासिक आधार पर बढ़ोतरी देखी गई है।
जनवरी 2024 में माइनिंग प्रोडक्शन 5.9 फीसदी बढ़ा। पिछले साल के मुकाबले इसमें 3.1 फीसदी की कमी आई है। जनवरी 2023 में माइनिंग प्रोडक्शन 9 फीसदी पर था। जबकि, पिछले महीने यानी दिसंबर 2023 में यह 5.1 फीसदी बढ़ा। इस लिहाज से माइनिंग में भी 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी मासिक आधार पर जनवरी 2024 में दर्ज की गई है।
डेटा से पता चलता है कि पावर ऑउटपुट 5.6 फीसदी बढ़ा है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में इलेक्ट्रिसिटी ऑउटपुट 12.7 फीसदी था। जबकि दिसंबर 2023 में बिजली उत्पादन 1.2 फीसदी की दर से बढ़ा। इस डेटा के मुताबिक जनवरी 2024 में बिजली उत्पादन में सालाना आधार पर भारी गिरावट तो वहीं मासिक आधार पर भारी बढ़त देखी गई।
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में IIP की कुल वृद्धि दर 5.9 फीसदी रही है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.5 फीसदी था।