सरकार काफी अरसे से करदाताओं की स्थायी खाता संख्या (पैन) और उनके आधार क्रमांक को आपस में जोडऩे के लिए कह रही है। उसने कहा था कि 1 अप्रैल, 2022 तक जो करदाता अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ते, उनके पैन काम करना बंद कर देंगे। मगर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आखिरी तारीख से ऐन पहले एक नई अधिसूचना जारी कर दी, जिससे उन लोगों को काफी राहत मिल गई, जो अभी तक अपने पैन को आधार से जोड़ नहीं सके हैं। अब करदाता 1 अप्रैल के बाद भी अपने पैन को आधार से जोड़ सकते हैं। मगर ऐसा करने पर अब उन्हें शुल्क जमा करना पड़ेगा।
आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी के पार्टनर मणीत पाल सिंह कहते हैं, ‘पहले पैन को आधार से जोडऩे की आखिरी तारीख बढ़ती रहती थी मगर उस पर किसी तरह का शुल्क नहीं रखा जाता था। लेकिन इस बार कर विभाग ने शुल्क तय कर दिया है, जो व्यक्तिगत करदाताओं को चुकाना पड़ेगा।’
हालांकि शुल्क बहुत अधिक नहीं है। जो लोग 1 अप्रैल से 30 जून, 2022 के दरम्यान अपने पैन को आधार से जोड़ते हैं, उन्हें बतौर शुल्क 500 रुपये चुकाने पड़ेगा। अगर आप 30 जून तक भी ऐसा नहीं कर पाते हैं तो 31 मार्च, 2023 तक आपको इन्हें जोडऩे का समय मिलेगा मगर तब आपको बतौर शुल्क 1,000 रुपये देने होंगे।
31 मार्च के बाद क्या
अब करदाताओं के लिए 31 मार्च, 2023 अहम तारीख बन गई है, जिसका उन्हें खासा ध्यान रखना होगा। अगर उस तारीख तक यानी चालू वित्त वर्ष खत्म होने तक आप अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ पाए तो आपका पैन काम करना बंद कर देगा। आपके लिए इसके गंभीर नतीजे होंगे। मणीत पाल सिंह समझाते हैं, ‘आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। साथ ही पैन को आधार के साथ जोडऩे पर करदाताओं को कुछ खास लाभ मिलते हैं, आप उन लाभों से भी हाथ धो बैठेंगे। सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि अगर आपको आयकर विभाग से रिफंड मिलना है तो पैन और आधार के नहीं जुड़े होने पर रिफंड जारी किया ही नहीं जाएगा।’
इसके अलावा करदाता को कई तरह की दूसरी दिक्कतें भी आएंगी। बैंकों और अन्य वित्तीय पोर्टलों में अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) प्रक्रिया के लिए पैन बेहद जरूरी होता है। आप उन जगहों पर केवाईसी कराने में दिक्कत महसूस कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 272बी के तहत एक अतिरिक्त प्रावधान भी है। इस प्रावधान के तहत आयकर अधिकारी पैन और आधार नहीं जुड़ा होने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। टीआर चड्ढïा ऐंड कंपनी एलएलपी में पार्टनर (कर एवं नियामकीय सेवाएं) पारस नाथ कहते हैं, ‘अगर आप इसी वित्त वर्ष के दौरान पैन और आधार को नहीं जोड़ते हैं तो हो सकता है कि इस प्रावधान को सख्ती के साथ लागू कर दिया जाए और आपको मोटा जुर्माना चुकाने के लिए मजबूर होना पड़े।’
निवासियों के लिए अनिवार्य
आयकर विभाग की वेबसाइट पर दिए गए अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में आयकर अधिनियम की धारा 139एए के अंतर्गत एक खास प्रावधान का जिक्र किया गया है। उसके मुताबिक 1 जुलाई, 2017 को जिन व्यक्तियों के पैन बने हुए थे और जिनका आधार क्रमांक बन सकता था, उन सभी के लिए अपना आधार और पैन जोडऩा अनिवार्य है।
मगर कुछ खास श्रेणियों में आने वाले लोगों को इस नियम से छूट हासिल है। आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार असम, जम्मू-कश्मीर और मेघालय में रहने वालों, अनिवासियों, पिछले साल 80 साल या उससे अधिक उम्र के हो चुके लोगों और ऐसे लोगों को छूट मिली है, जो भारत के नागरिक नहीं हैं। इन सवालों में यह भी साफ कहा गया है कि इस तरह की छूट बदली जा सकती है या वापस ली जा सकती है।
जल्द से जल्द जोड़ें
पैन को आधार से जोडऩा बेहद सरल है। ऐसा ऑनलाइन किया जा सकता है, जिसका तरीका भी बताया गया है। (देखें बॉक्स) अगर आपके पास ऑनलाइन काम करने की सुविधा नहीं है या आप उसमें सहज नहीं है तो ऑफलाइन तरीके से भी पैन को आधार के साथ जोड़ सकते हैं। इसके लिए आपको आधार से जुड़े अपने मोबाइल नंबर से एक एसएमएस निर्धारित प्रारूप में भेजना होगा। इसका प्रारूप एनएसडीएल की वेबसाइट पर दिया गया है।
सरकार ने तय कर लिया है कि करदाताओं को अपना पैन आधार के साथ जोडऩा ही है। इसलिए बेहतर है कि आप जल्द से जल्द ऐसा कर लें और इससे होने वाले फायदे उठाते रहें। मणीत पाल सिंह कहते हैं, ‘देर करने पर आपको ज्यादा शुल्क या जुर्माना ही भरना होगा और अगर अगले साल 31 मार्च तक ऐसा नहीं हर पाए तो और भी गंभीर नतीजे होंगे।’
लिंकिंग में दिक्कत हो तो…
अगर आपको पैन आधार से जोडऩे में दिक्कत आए तो सबसे पहले देखिए कि आधार और पैन के डेटाबेस में दर्ज आपका विवरण (नाम, फोन नंबर, जन्मतिथि) अलग-अलग तो नहीं हैं। जिस डेटाबेस में विवरण गलत दिया हो वहां उसे ठीक कराएं। पैन के विवरण को टीआईएन-एनएसडीएल वेबसाइट पर जाकर या यूटीआईआईटीएसएल पैन ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर ठीक किया जा सकता है। आधार के विवरण को यूआईडीएआईए की वेबसाइट पर ठीक किया जा सकता है।