वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का मासिक आंकड़ा दूसरे शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। जनवरी महीने में 1.72 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह हुआ, जो पिछले साल के समान महीने में हुए 1.56 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह की तुलना में 10.4 प्रतिशत ज्यादा है।
जीएसटी संग्रह के ये आंकड़े 31 जनवरी को शाम 5 बजे तक के हैं। इसका मतलब यह है कि इस महीने में कुछ धन और आया होगा। इससे सरकार का केंद्रीय जीएसटी संग्रह बजट अनुमान (बीई) की तुलना में 2023-24 के संशोधित अनुमान (आरई) में बढ़ जाएगा।
गुरुवार को पेश होने जा रहे अंतरिम बजट में यह आंकड़े बढ़े हुए नजर आएंगे। बहरहाल जीएसटी उपकर बजट अनुमान के करीब रह सकता है।
2023-24 के बजट में केंद्रीय जीएसटी संग्रह बढ़कर 8.11 लाख करोड़ रुपये और उपकर 1.45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्रालय ने जनवरी महीने में सीजीएसटी, उपकर संग्रह के अलग-अलग आंकड़े नहीं दिए है।
वित्त वर्ष 2024 में दिसंबर तक सीजीएसटी से 6.29 लाख करोड़ रुपये आए हैं। अगर हम कल्पना करें कि सीजीएसटी का संग्रह जनवरी में 72,934 करोड़ रुपये है, जैसा कि अक्टूबर में था, क्योंकि हर महीने में कुल जीएसटी संग्रह करीब बराबर रहा है, तो केंद्रीय जीएसटी 7.01 लाख करोड़ रुपये होगा। अभी वित्त वर्ष की समाप्ति में 2 महीने बचे हैं, ऐसे में 1.10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े आसानी से हासिल हो सकते हैं।
इसी तरह से उपकर से वित्त वर्ष 2024 के जनवरी तक 1.20 लाख करोड़ रुपये आए है। अगर हम इस आधार पर अनुमान लगाएं तो यह वित्त वर्ष 24 में 1.45 लाख करोड़ रुपये के बहुत करीब रह सकता है।
इस हिसाब से औसत मासिक संग्रह 12,000 करोड़ रुपये के आसपास रहेगा। चालू वित्त वर्ष में यह तीसरा महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1.70 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है।
अक्टूबर में भी जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है, ऐसे में अगर वास्तविक आंकड़ों को देखेंगे तो ये कुछ अधिक हैं। अक्टूबर में जीएसटी से प्राप्तियां 1,72,003 करोड़ रुपये रही हैं, जबकि 31 जनवरी शाम 5 बजे तक 1,72,003 करोड़ रुपये आ चुके हैं, जो अक्टूबर की तुलना में 126 करोड़ रुपये ज्यादा है।
इस वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल महीने में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तक का सबसे ज्यादा संग्रह है। मार्च और अप्रैल में जीएसटी संग्रह अन्य महीनों की तुलना में सामान्यतया ज्यादा रहता है।
केपीएमजी में पार्टनर और अप्रत्यक्ष कर के राष्ट्रीय प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि और जनवरी में दूसरे उच्च स्तर पर संग्रह अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी उपलब्धि है।’